माइक्रोसॉफ्ट ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि विंडोज 11 ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट (Windows 11 update) उन पीसी पर ही रोल आउट किया जाएगा जो कुछ हार्डवेयर की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। लेकिन अभी पुराना पीसी रखने वालों के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने एक बड़ी राहत की घोषणा की है कि पुराने पीसी पर भी विंडोज 11 इंस्टाल करने की अनुमति देगा। इस बारे में माइक्रोसाफ्ट ने बताया कि, यदि आपके पास एक पुराना पीसी है, तो आप अपडेट बटन दबाकर विंडोज 10 से विंडोज 11 में स्वचालित रूप से अपग्रेड करने के योग्य नहीं होंगे। लेकिन आपको विंडोज 11 की आईएसओ फाइल डाउनलोड करने और पुराने पीसी पर मैन्युअल रूप से विंडोज 11 इंस्टॉल करने की सुविधा/अनुमति होगी।
लेकिन आपको विंडोज 11 की आईएसओ फाइल डाउनलोड करने और पुराने पीसी पर मैन्युअल रूप से विंडोज 11 इंस्टॉल करने की सुविधा/अनुमति होगी। हालांकि लोगों को विंडोज 11 के आईएसओ (ISO) फाइलों को इंस्टाल करना कोई कठिन विधि नहीं है, बल्कि इससे उन व्यवसायों को बहुत मदद मिलेगी जो अभी भी पुराने हार्डवेयर कम्प्यूटर के साथ अभी भी काम कर रहे हैं।
व्यवसायी पुराने अपने पीसी (PC) पर विंडोज 11 का प्रयोग कर उन्हें आजमा सकते हैं। जब तक विंडोज 11 खरीदने के लिए उनक पास धन की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक वह विंडोज 11 के आईएसओ फाईल के माध्यम से पीसी को अपग्रेड कर सकते हैं। आपको यहां यह देखने/समझने की जरूरत है कि आपके पुराने पीसी पर विंडोज 11 कैसा प्रदर्शन करेगा। यदि इसका प्रदर्शन ठीक रहा तो विंडोज 11 के प्रयोगकर्ताओं के लिए काफी अच्छी बात होगी।
इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने जून में विंडोज 11 का सपोर्ट पाने के लिए न्यूनतम हार्डवेयर सिस्टम की आवश्यकताओं की घोषणा की थी। इनमें प्रोसेसर कम से कम 1GHz 64-bit dual-core का होना जरूरी है। रैम (RAM) 4GB का होना चाहिए। वही स्टोरेट (Storage) कम से कम 64 जीबी। डिस्प्ले कम से कम 9 इंच के साथ-साथ रिजोल्यूशन कम से कम 1366 गुणा 768 पिक्सल का होना जरूरी है। इसके अलावा UEFI सपोर्ट, Secure Boot and TPM 2.0 support; DirectX 12 के समकक्ष ग्रैफिक्स (compatible graphics) तथा WWDM 2.x का होना आवश्यक है।
वहीं विंडोज 11 अब केवल 64-बिट प्रोसेसर पर ही सापोर्ट करेगा और 32-बिट प्रोसेसर पर विंडोज 11 का संस्करण नहीं लांच होगा। लेकिन 32-बिट के ऐप्स और सॉफ्टवेयर ठीक तरह से काम करते रहेंगे। यहां एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि अब विंडोज 11 को चलाने के लिए विंडोज 7 के 7-इंच की अपेक्षा कम से कम 9-इंच के डिस्प्ले आकार की आवश्यकता होगी।
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा घोषणा की गयी है कि विंडोज 11 के लिए जारी किये डिजाईन किये गये एप्प पेंट पर फिर से काम किया जा रहा है। पेंट एप्प में किये जा रहे अपडेट पूरे विंडोज 11 के यूजर इंटरफेस के डिजायन तथा अन्य एप्प के अनुरूप होगा। इस प्रकार यह पेंट एप्प् के लिए बड़ा अपडेट होगा।
इसकी पुष्टि माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज और डिवाइसेज के प्रमुख पैनोस पनाय द्वारा एक ट्वीट के माध्यम से किया गया। इनके द्वारा नये पेंट एप से संबन्धित एक वीडियो टीजर जारी किया गया, जिसमें नये पेंट एप्प में होने वाले बदलावों की झलक दिखती है। नये पेंट एप में डार्क मोड के साथ-साथ ब्रश टूल एवं फांट पिकर टूल में सुधार किया जायेगा।
पेंट एप्प के पुराने वर्जन की अपेक्षा फिर से डिजायन किया गया नया पेंट एप्प पूरी तरह से नया एवं प्रयोग करने हेतु अधिक आकर्षक प्रतीत होता है। जारी किये गये वीडियो टीजर में एक नया क्विक पिकर भी दिखाया गया है जो अब विभिन्न ब्रश के साथ अधिक प्रभावी दिखाता है। टेक्स्ट फ़ॉर्मेटिंग विकल्पों में फ्लोटिंग फॉन्ट टूलबार एवं अन्य टूल माइक्रोसॉफ्ट वर्ड की तरह प्रभावी लगते है।
ट्वीट से यह पुष्ट होता है कि अपडेटेड पेंट ऐप इस साल के अंत में रोलआउट होने से पहले देव और बीटा चैनलों में विंडोज इनसाइडर उपयोगकर्ताओं के लिए आ जायेगा। इसके साथ ही साथ ऐसा लगता है कि Microsoft ने पेंट ऐप में कई नई सुविधाएँ जोड़ी हैं, जिससे यह पहले से कहीं अधिक बेहतर ड्राइंग ऐप बन गया है। लेयर्स के लिए विकल्प प्रतीत नहीं होता है, फिर भी रिबन इंटरफ़ेस दिये जाने के बाद से यह पेंट का पहला बड़ा अपडेट होगा।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि विंडोज़ इनसाइडर इस नए पेंट डिज़ाइन का परीक्षण कब तक कर पाएंगे, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यह जल्द ही परीक्षण के लिए उपलब्ध होगा।
माइक्रोसॉफ्ट जल्द ही विंडोज 11 सॉफ्टवेयर के अपडेट को रोल आउट करने के लिए तैयार है। माइक्रोसॉफ्ट कई नई सुविधाओं के साथ नए ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट के हिस्से के रूप में शामिल करेगा। इधर यह भी कहा जा रहा है कि विंडोज 11 उपयोगकर्ताओं के लिए डिफ़ॉल्ट ब्राउज़रों को स्विच करना कठिन बना देगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक विंडोज 11 में माइक्रोसॉफ्ट ने डिफॉल्ट ऐप्स सेट करने के तरीके को बदल दिया है। डिफ़ॉल्ट इंटरनेट ब्राउज़रों को स्विच करने की प्रक्रिया को बोझिल बनाकर Microsoft अपने ब्राउज़र की स्थिति को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है, जो वैश्विक वेब ब्राउज़र बाज़ार में पिछड़ता जा रहा था। जबकि Google Chrome ब्राउजर अन्य सभी ब्राउजरों की तुलना में काफी बड़े अंतर से आगे रहा है।
ऐसा माना जा रहा है कि Microsoft ने विंडोज 11 में डिफ़ॉल्ट ऐप्स को असाइन करने के तरीके को बदल दिया है, जिसका अर्थ यह हो सकता है कि अब आपको एकल स्विच के बजाय फ़ाइल या लिंक के द्वारा डिफ़ॉल्ट ब्राउजर/एप्स को सेट करना होगा।
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