2024 : Rajkisan Sathi Portal Login | Registration – Benefits व अन्य
Rajkisan Sathi Portal शुरू किये जाने से पूर्व राजस्थान के मुख्यमंत्री माननीय श्री अशोक गहलोत जी ने कहा था कि खेती किसानी करते समय किसानों काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसमें प्रमुख रूप से भूमि का उपजाऊपन, गुणवत्तापूर्ण खाद एवं बीज की उपलब्धता, खेती में लगने वाली लागत की व्यवस्था करना, सिंचाई की सुविधा, कीटनाशक की उपलब्धता, इन सबके बाद फसल की सुरक्षा करना, उपजे हुए अनाज को विपणन मंड़ी एवं भण्डार गृह तक पहुंचाने की व्यवस्था, फिर अनाज का उचित मूल्य प्राप्त करने सहित कई प्रकार की समस्याओं का सामना किसान को करना पड़ता है।
इन्ही प्रमुख समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने Online Integrated Platform तैयार किया गया है। जहां पर कृषि अन्तर्गत खेती–किसानी, अनाज का विपणन, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, horticulture जैसी गतिविधियों का क्रियान्यवन एक ही स्थान पर सम्पन्न होता है। राजस्थान के किसान भाई उपरोक्त सभी प्रकार के कृषि सम्बन्धित गतिविधियों का लाभ किसान साथी पोर्टल पर पंजीकरण करके प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन, वितरण एवं सत्यापन, भुगतान आदि सभी प्रक्रियाएं आनलाईन ही पूरी की जाती है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चत करने में मदद मिलती है।
अनुरोधः– नीचे दिये गये डायरेक्ट लिंक का प्रयोग करने से पूर्व इस पोस्ट का आवलोकन करके आवश्यक जानकारी से अवगत होवें और अपना समय बचायें।
राज किसान पोर्टल पर आवेदन करने हेतु पात्रता एवं आवश्यक दस्तावेज
राज किसान पोर्टल पर मिल रही सेवाओं का लाभ किसान एवं पशुपालक दोनों ही उठा सकते हैं। इसके लिए नीचे दिये गये आवश्यक शर्तों को पूरा करना होगा।
ऐसे किसान एवं पशुपालक जो राजस्थान राज्य के निवासी हैं, वह राज किसान पोर्टल पर मिल रही योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आनलाईन आवेदन कर सकते हैं।
पासपोर्ट आकार का रंगीन फोटोग्राफ
आधार कार्ड ⁄ जन आधार कार्ड
राजस्थान राज्य का निवास प्रमाण पत्र।
पते का पहचान पत्र जैसे निर्वाचन कार्ड, बैंक पासबुक आदि
मोबाईल नंबर
किसान साथी पोर्टल से किसे और क्या लाभ मिलेगाॽ
Rajkisan Sathi Portal से किसानों एव पशुपालन का व्यापार करने वाले पशुपालकों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो सकते हैं–
इस पोर्टल के माध्यम से कृषि एवं कृषि योजनाओं से जुड़ी हुई जानकारी एक ही स्थान पर मिल सकेगी।
इसी प्रकार पशुपालन से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त करने के लिए अलग–अलग विभागों के चक्कर लगाने की अपेक्षा एक ही पोर्टल किसान साथी पोर्टल पर ही पशुपालन से जुड़़ी हुई सारी जानकारी मिल सकेगी।
सरकारी पोर्टल होने के कारण अन्य प्रकार की भ्रमित जानकारियों की अपेक्षा सटीक एवं सही जानकारी ही मिलेगी। फलस्वरूप किसानों की अच्छी उपज पैदा करने में सहायता प्राप्त होगी।
पोर्टल पर किसानों एवं पशुपालकों की बुनियादी समस्या से अवगत होने के बाद विभाग ⁄ सरकार द्वारा किसानों एवं ऊपजों से जुड़ी समस्याओं का गहराई से अध्ययन करने में सहायता प्राप्त होगी।
सटीक एवं सही जानकारी प्राप्त करने के बाद किसान एवं पशुपालकों का ज्ञानबर्धन होगा। जिससे वह अगली फसलों में अधिक ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे।
Rajkisan Sathi Portal राजस्थान के किसानों एवं पशुपालकों के समर्पित है। जहां कृषि के साथ–साथ पशुपालन से सम्बन्धित जानकारी के साथ ही योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन किये जा सकते हैं। किसान साथी पोर्टल पर किसान‚ पशुपालक एवं अन्य प्रकार के लाभार्थी आनलाईन आवेदन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके पोर्टल पर दी गयी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। यदि आप राजस्थान के नागरिक हैं और इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो नीचे बतायी गयी प्रक्रिया का पालन करें।
प्रथम चरणः– सबसे पहले राज किसान साथी पोर्टल पर विजिट करें। अभी विजिट करने के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करें।
दूसरा चरणः– होम पेज पर मिनू बार में दाहिने तरफ दिये गये किसान⁄नागरिक लॉग इन की सहायता से लॉगिन करना है। इसलिए किसान⁄नागरिक लॉग इन के लिंक पर क्लिक करें।
तीसरा चरणः– अब आपके सामने जो पेज दिखायी दे रहा है‚ वहां पर कुल दो तरह से लॉगईन किया जा सकता है‚
1- SSO ID और पासवर्ड का प्रयोग करके या फिर
2- जनाधार आईडी का प्रयोग करके लॉगिन कर सकते हैं।
चौथा चरण– लॉगिन होने के बाद यूजर पंजीकरण फार्म को भरकर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूर्ण करें।
नोट– एक बार रजिस्ट्रेशन की प्रकिया पूर्ण हो जाने के बाद पोर्टल पर उपलब्ध सभी प्रकार के लाभ एवं उनसे सम्बन्धित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Rajkisan Sathi Portal आवेदन का स्टेटस चेक करें
Rajkisan Sathi Portal पोर्टल पर किये गये सभी प्रकार के आवेदनों का स्टेटस चेक करना बहुत ही सरल है। मात्र 2 स्टेप्स में ही स्टेटस चेक किया जा सकात है। स्टेटस चेक करने के लिए नीचे बताये गये प्रक्रिया का पालन करें।
सबसे पहले राज किसान साथी पोर्टल के आधिकारिक बेबसाईट पर जायें।
इस पेज पर ʺसेवा अनुरोधʺ के कालम में कई विकल्प मिलेंगे। इसी कालम में दिये गये ʺआवेदन की स्थिति जांचेʺ के लिंक पर क्लिक करें।
इसके बाद आवेदन का प्रकार चुनें, जहां कुल 04 प्रकार के विकल्प मिलेंगे– Subsidy, License, Manufacture तथा Agriculture Marketing
आगे कालम में दिये गये विकल्पों का चुनाव करके अंत में अप्लीकेशन नंबर भरकर Submit के बटन पर क्लिक कर दें। इतना करते ही आवेदन का स्टेटस दिखायी देने लगेगा।
डिग्गी योजना से जुड़ी हुई प्रमुख जानकारी नीचे के कालम में क्रमशः प्रदान की गयी है। जिमसें योजना का उद्देश्य‚ पात्रता‚ अनुदान‚ आवेदन की प्रक्रिया एवं अन्य जानकारी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया है।
डिग्गी याेजना का उद्देश्य
खेतों में सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाने के लिए नहर के किनारे स्थित गांवों ⁄ कस्बों में डिग्गी निर्माण हेतु प्रोत्साहित करना।
डिग्गी याेजना की पात्रता
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान के पास कम से कम 0.5 हेक्टेयर कृषि भूमि होनी चाहिए।
कृषक को अपना आधार कार्ड नंबर देना होगा।
डिग्गी याेजना के अन्तर्गत मिलने वाला अनुदान
इस योजना के तहत सीमान्त एवं लघु किसानों को 4 लाख लीटर पानी भराव तक की क्षमता वाले पक्की डिग्गी निमार्ण अथवा प्लास्टिक लाईनिंग वाली डिग्गी के निर्माण हेतु कुल लागत का 85 प्रतिशत या फिर अधिकतम 340000⁄– रूपये तक की अनुदान राशि दी जायेगी।
जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को पक्की डिग्गी निमार्ण अथवा प्लास्टिक लाईनिंग वाली डिग्गी के निर्माण हेतु 75 प्रतिशत या फिर अधिकतम 300000⁄– रूपये का अनुदान प्रदान किया जाता है।
डिग्गी याेजनाहेतु आवेदन की प्रक्रिया
आवेदन की प्रक्रिया में आवेदक स्वयं आनलाईन आवेदन कर सकता है अथवा ई–मित्र केन्द्र के माध्यम से आनलाईन आवेदन करा सकता है।
आवेदन करते समय जन आधार कार्ड, आधार कार्ड और जमाबंदी के नकल की आवश्यकता होगी।
जमाबंदी की नकल तत्काल का होना चाहिए या फिर अधिकतम 06 माह से पुराना नहीं होना चाहिए।
आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद आवेदन का रसीद आनलाईन ही प्राप्त होगी।
डिग्गी निर्माण कार्य करने से पूर्व प्रशासन की स्वीकृति प्राप्त कर लेनी चाहिए।
योजना के तहत किये गये आवेदन के आधार पर निर्माण से पूर्व या बाद में सम्बन्धित विभाग द्वारा सत्यापन की कार्यवाही पूर्ण की जायेगी।
निर्मित किये जा रहे डिग्गी पर फब्बारा या ड्रिप सेट की स्थापना करना आवश्यक है।
योजनान्तर्गत अनुदान की धनराशि सीधे कृषक के बैंक खाते में भेज दिया जाता है।
खेत तलाई याेजना
खेत तलाई योजना से जुड़ी हुई प्रमुख जानकारी नीचे के कालम में बिन्दुवार प्रदान की गयी है। जिसका अवलोकन करके योजना का उद्देश्य‚ पात्रता‚ अनुदान‚ आवेदन की प्रक्रिया एवं अन्य जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
खेत तलाई याेजना का उद्देश्य
खेत तलाई योजना के अन्तर्गत मानसूनी वारिस के पानी को एकत्रित करके उन्हें सिंचाई के कामों में प्रयोग करना होता है। इससे सिंचाई करने में पानी की समस्या से छुटकारा प्राप्त करने में मदद मिलती हैं।
खेत तलाई याेजना की पात्रता
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान के पास कम से कम स्वयं के नाम पर 0.3 हेक्टेयर भूमि का होना आवश्यक है।
यदि किसान संयुक्त खातेदार है, तब एक ही स्थान पर कम से कम 0.5 हेक्टेयर कृषि भूमि होनी चाहिए।
कृषक के पास आधार कार्ड नंबर होना जरूरी है।
खेत तलाई याेजना के अन्तर्गत मिलने वाला अनुदान
कच्चे तालाब हेतु लघु एवं सीमान्त तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के अन्तर्गत आने वाले किसानों को लगने वाले कुल खर्च का 70 प्रतिशत या फिर अधिकतम 73500⁄– रूपये तक का अनुदान प्राप्त होता है।
इसी प्रकार प्लास्टिक लाईनिंग फार्म तालाब पर 90 प्रतिशत तक या फिर अधिकतम 135000⁄– रूपये का अनुदान मिलता है।
जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को कच्चे तालाब हेतु कुल लागत का 60 प्रतिशत या फिर अधिकतम 63000⁄– रूपये तथा प्लास्टिक लाईनिंग फार्म तालाब पर कुल लागत का 80 प्रतिशत या फिर 120000⁄– रूपये का अनुदान प्रदान किया जाता है।
खेत तलाई याेजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
आवेदन की प्रक्रिया में आवेदक स्वयं आनलाईन आवेदन कर सकता है अथवा ई–मित्र केन्द्र के माध्यम से आनलाईन आवेदन करा सकता है।
आवेदन करते समय जन आधार कार्ड, आधार कार्ड और जमाबंदी के नकल की आवश्यकता होगी।
जमाबंदी की नकल तत्काल का होना चाहिए या फिर अधिकतम 06 माह से पुराना नहीं होना चाहिए।
आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद आवेदन का रसीद आनलाईन ही प्राप्त होगी।
इस बात पर ध्यान दें कि कम से कम 400 घनमीटर की क्षमता वाले खेतों की तलाई पर ही उपरोक्त अनुदान प्राप्त हो सकेगा।
खेत तलाई निर्माण हेतु आवेदन प्राप्त होने के बाद कृषि विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है। जिसकी सूचना SMS या फिर कृषि विभाग के पर्यवेक्षक द्वारा दी जाती है।
तलाई निर्माण कार्य होने के पूर्व या बाद में कृषि विभाग द्वारा मौके पर जाकर सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है।
योजनान्तर्गत अनुदान की धनराशि कृषक के बैंक खाते में भेज दिया जाता है।
सिंचाई पाइपलाइन याेजना
सिंचाई पाइपलाइन याेजना से जुड़ी हुई प्रमुख जानकारी जैसे योजना का उद्देश्य‚ पात्रता‚ अनुदान‚ आवेदन की प्रक्रिया एवं अन्य जानकारी नीचे के कालम में क्रमशः दी गयी है। जिसका अवलोकन करके योजना का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
सिंचाई पाइपलाइनयाेजना का उद्देश्य
ट्यूबवेल अथवा कुएं के पानी को पाईप लाईन की सहायता से खेत तक पहुंचान हेतु इस योजना को शुरू किया गया है। योजना के सुचारू रूप से क्रियान्यवन के बाद 20 से 25 प्रतिशत तक पानी की बचत हो सकेगी।
सिंचाई पाइपलाइन याेजना के अन्तर्गत मिलने वाला अनुदान
सिंचाई पाइप लाइनयोजना के अन्तर्गत सीमान्त एवं लघु किसानों को कुल लागत का 60 प्रतिशत या फिर अधिक से अधिक 18000⁄– रूपये का अनुदान प्रदान किया जाता है।
अन्य श्रेणी के किसानों को सिंचाई पाइपलाइन योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत या अधिकतम 15000/- रूपये का अनुदान प्रदान किया जाता है।
सिंचाई पाइपलाइनयाेजना की पात्रता
कृषि भूमि का स्वामित्व कृषक के नाम पर होना चाहिए।
कुएं अथवा ट्यूबेल के पास पम्प सेट होना चाहिए। पम्प सेट डीजल, विद्युत या फिर ट्रेक्टर से चलने वाला हो सकता है।
संयुक्त सहखातेदार की स्थिति में सभी हिस्सेदार अलग–अलग पाइप लाइन की मांग कर सकते हैं। सभी को अलग–अलग अनुदान प्रदान किया जायेगा।
एक ही पाइन लाइन द्वारा दूर स्थित जलस्त्रोत से पानी ले जाने की स्थिति में सभी कृषक अनुदान प्राप्त करने के हकदार होंगे।
योजना का लाभ लेने हेतु कृषक के पास आधार कार्ड नंबर होना जरूरी है।
सिंचाई पाइपलाइन याेजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
सिंचाई पाइपलाइन योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया में आवेदक स्वयं आनलाईन आवेदन कर सकता है अथवा ई–मित्र केन्द्र के माध्यम से आनलाईन आवेदन करा सकता है।
आवेदन करते समय जन आधार कार्ड, आधार कार्ड और जमाबंदी के नकल की आवश्यकता होगी।
जमाबंदी की नकल तत्काल का होना चाहिए या फिर अधिकतम 06 माह से पुराना नहीं होना चाहिए।
आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद आवेदन का रसीद आनलाईन ही प्राप्त होगी।
आनलाईन आवेदन के पश्चात कृषि विभाग की स्वीकृति मिलेगी।
इसके बाद कृषि विभाग में पंजीकृत निर्माता या उनके द्वारा अधिकृत किये गये वितरक से ही पाइन लाइन खरीदना होगा।
कृषक के पाइप लाइन खरीदने के बाद कृषि विभाग द्वारा सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी।
योजनान्तर्गत अनुदान की धनराशि कृषक के बैंक खाते में भेज दिया जाता है।
खेतो की तारबंदी योजना
खेतो की तारबंदी योजना का प्रमुख उद्देश्य सिवानों में चरने वाले आवारा पशुओं एवं नील गायों द्वारा फसलों को पहुंचाने वाले नुकसान को रोकना ⁄ कम करना है। इस से जुड़ी हुई प्रमुख जानकारी नीचे के कालम में दी गयी है। आप चाहे तो लेख का अवलोकन करके योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
उद्देश्य
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य सिवानों एवं जंगलों में रहने वाले सुरक्षित जानवरों से खेत की फसल को सुरक्षित करना है।
खेतो की तारबंदीयाेजना के अन्तर्गत मिलने वाला अनुदान
खेतो की तारबंदीयोजना के अन्तर्गत 400 मीटर (Running) तक तारबंदी के लिए सीमान्त एवं लघु किसानों को कुल लागत का 60 प्रतिशत या फिर अधिक से अधिक 48000⁄– रूपये का अनुदान प्रदान किया जाता है।
अन्य श्रेणी के किसानों को सिंचाई पाइपलाइन योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत या अधिकतम 40000/- रूपये का अनुदान प्रदान किया जाता है।
इसी प्रकार सामुदायिक आवेदन करने पर जिसमें कम से कम 10 कृषक या उससे अधिक कृषकों के द्वारा आवेदन करने पर 70 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। लेकिन अधिकतम राशि 56000 रूपया तक ही प्रदान किया जायेगा।
सामूहिक आवेदन हेतु किसानों के पास कम से कम 5 हेक्टेयर की भूमि होनी आवश्यक है।
खेतो की तारबंदीयाेजना की पात्रता
खेतो की तारबंदीयाेजना का लाभ सभी श्रेणी के किसान प्राप्त कर सकते हैं।
यदि किसान व्यकितगत या फिर समूह में आवेदन करके लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो कृषक के पास एक ही स्थान पर कम से कम 1.5 हेक्टेयर भूमि होना चाहिए।
जनजातिय बहूुल क्षेत्रों में कृषि जोत की मात्र कम होती है इसलिए उनके लिए कम से कम 0.5 हेक्टयर भूमि होना ही काफी होगा। इतनी मात्रा में भूमि होने पर जनजातिय बहुल क्षेत्रों के आवेदक लाभ प्राप्त कर पायेंगे।
समूहिक या सामुदायिक आवेदन करने पर कृषकों की संख्या कम से कम 10 होनी चाहिए। जिसमें सभी किसानों की भूमि मिलाकर कम से कम 5 हेक्टेयर होनी चाहिए।
योजना का लाभ लेने हेतु कृषक के पास आधार कार्ड नंबर होना जरूरी है।
खेतो की तारबंदीयाेजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
खेतो की तारबंदीयाेजना का लाभ लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया में आवेदक स्वयं आनलाईन आवेदन कर सकता है अथवा ई–मित्र केन्द्र के माध्यम से आनलाईन आवेदन करा सकता है।
आवेदन करते समय जन आधार कार्ड / आधार कार्ड और जमाबंदी के नकल की आवश्यकता होगी।
जमाबंदी की नकल तत्काल का होना चाहिए या फिर अधिकतम 06 माह से पुराना नहीं होना चाहिए।
आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद आवेदन का रसीद आनलाईन ही प्राप्त होगी।
किसानों का जनआधार सेवा के अन्तर्गत पंजीयन होने की स्थिति में ही छोेटे एवं सीमान्त किसान माने जायेंगे और अनुदान हेतु पात्र माने जायेंगे। जनआधार में पंजीकृत नहीं है तो अनुदान प्राप्त करने के लिए किसी सक्षम अधिकारी से लघु एवं सीमान्त किसान होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना चाहिए।
आनलाईन आवेदन के पश्चात कृषि विभाग की स्वीकृति मिलेगी। तत्पश्चात तारबंदी हेतु अनुदान प्राप्त होगा।
पंजीकृत होने के बाद योजना के लाभ हेतु स्वीकृति की सूचना कृषि पर्यवेक्षक / सूचना मोबाईल संदेश के माध्यम से प्राप्त हो जायेगी।
विभाग द्वारा तारबंदी किये जाने के पूर्व एवं बाद में मौके पर जाकर सत्यापन की कार्यवाही पूर्ण की जायेगी तथा जियो टैग भी किया जायेगा।
योजनान्तर्गत अनुदान की धनराशि कृषक के बैंक खाते में भेज दिया जाता है।