लाडली लक्ष्मी योजना 2022 | आनलाईन रजिस्ट्रेशन‚ पात्रता व लाभ
लाडली लक्ष्मी योजना मध्यप्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। बालिकाओं हेतु शुरू किये गये इस योजना का मकसद लोगों में बालिकाओं के प्रति भेदभाव को कम करके उनके लिंग अनुपात को बढ़ाना और उनके स्वस्थ्य में सुधार लाना है। इस योजना की शुरूआत मध्य प्रदेश राज्य सरकार द्वारा की गयी है। लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 की शुरूआत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा 08 मई 2022 को की गयी है।
लाडली लक्ष्मी याेजना 2.0 का उद्देश्य | New Updates
लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के माध्यम से समाज में बालिकाओं के भेदभाव को कम करना है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करना एवं आत्मनिर्भर बनाना है। लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 की शुरूआत 08 मई 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गयी थी। वहीं लाडली लक्ष्मी योजना की शुरूआत वर्ष 2006 में ही कर दी गयी थी। इस योजना के माध्यम से बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
मित्रों लाडली लक्ष्मी योजना MP सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिल भी रहा है। यह योजना 01 अप्रैल 2007 में शुरू की गयी थी। बेटियों के साथ हो रहे भेदभाव की भावना को समाप्त कर उन्हें शिक्षित बनाना ही इस योजना का प्रमुख उद्देश्य था। इसी क्रम में लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 की शुरूआत की गयी है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में घोषणा की गयी है कि बालिका के कालेज में प्रवेश करने पर 25 हजार रूपये का अतिरिक्त लाभ दिया जायेगा।
लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ
इस योजना के माध्यम से बालिकाओं की आर्थिक और शैक्षिक मदद राज्य सरकार द्वारा की जाती है। एक बालिका के लिए बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। योजना के द्वारा बालिका के जन्म से लेकर बालिका की शादी हो जाने तक अलग–अलग किश्तों में वित्तीय सहायता प्रदान करके आर्थिक मदद की जाती है।
लाडली लक्ष्मी योजना की पात्रता
इस योजना का लाभ लेने के लिए बालिका का निवास स्थान मध्य प्रदेश होना चाहिए।
परिवार की आय कम होनी चाहिए। जिससे वह गरीबी रेखा के अन्दर आता हो। परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता नहीं होना चाहिए।
बालिका को 18 वर्ष की उम्र तक अविवाहित रहना होगा।
बालिका यदि गोद ली गयी है‚ ऐसी स्थिति में परिवार के पास बच्ची को गोद लिये जाने का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
स्थानीय आंगनबाड़ी केन्द्र में बालिका का नाम पंजीकृत होना चाहिए।
बालिका स्थानीय आंगनवाड़ी केन्द्र में पंजीकृत हो।
लाडली लक्ष्मी योजना नामांकन हेतु दस्तावेज
लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ लेने के लिए निम्न दस्तावेजों का होना आवश्यक है।
जन्म प्रमाण पत्र (बलिका का)
माता–पिता⁄अभिभावक का पहचान पत्र⁄आधार कार्ड⁄राशन कार्ड⁄निवास प्रमाण पत्र
आवेदक का बैंक पासबुक
मोबाईल नंबर (रजिस्ट्रेशन हेतु)
रंगीन फोटोग्राफ (अभिभावक एवं बालिका) बालिका की एकल फोटाग्राफ एवं माता⁄पिता के साथ ज्वाईंट फोटो
बालिका की समय आईडी अथवा परिवार आईडी होनी चाहिए।
यदि दूसरी बालिका हेतु लाभ प्राप्त करना है तो अन्य आर्हताओं के साथ परिवार नियोजन प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
लाडली लक्ष्मी योजना के तहत प्राप्त होने वाली धनराशि
लाभार्थी को योजना के माध्यम से कुल 6 किश्तों के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। योजना के तहत लभगम 43 लाख लाभार्थियों को कुल 230 करोड़ से उपर की सहायता प्रदान की जा चुकी है।
योजना के तहत पंजीकृत होने के बाद राज्य सरकार द्वारा लगातार 05 वर्ष तक 6-6 हजार रूपये की रकम लाभार्थी के खाते में जमा की जाती है। इस तरह से कुल 30 हजार रूपये जमा किये जाते हैं।
बालिका के कक्षा 6 में प्रवेश लेने के बाद 2000 रूपये की रकम दूसरी किश्त के रूप में प्रदान की जायेगी।
बालिका के कक्षा 9 में प्रवेश लेने के बाद 4000 रूपये की रकम तीसरी किश्त के रूप में प्रदान की जायेगी।
बालिका के कक्षा 11 में प्रवेश लेने के बाद 6000 रूपये की रकम चौथी किश्त के रूप में प्रदान की जायेगी।
बालिका के कक्षा 12 में प्रवेश लेने के बाद 6000 रूपये की रकम पांचवी किश्त के रूप में प्रदान की जायेगी।
बालिका की उम्र 21 वर्ष पूरी होने पर छवीं तथा अंतिम किश्त के रूप में 1 लाख रूपये की रकम प्रदान की जायेगी। लेकिन इसमें एक शर्त यह है कि 18 वर्ष की उम्र तक बालिका अविवाहित होनी चाहिए।
लाडली लक्ष्मी योजना का समाज पर प्रभाव
योजना लागू होने के बाद बलिकाओं के प्रति संकीर्ण सोच रखने वाले अभिभावकों की सोच में सकारात्मक बदलाव आया हैं।
योजना के सफलता पूर्वक क्रियान्यवन के बाद से बाल बिवाह‚ भ्रूण हत्या जैसी समाजिक बुराईयों को समाप्त करने में मदद मिली है।
इस योजना के लागू होने के बाद से अब तक लगभग 43 लाख लोगों का पंजीकरण हो चुका है।
लाडली योजना के तहत 9 लाख से अधिक बालिकाओं को छात्रवृत्ति के रूप में 231 करोड़ रूपये प्रदान किये गये है।
लाडली योजना के लागू होने के बाद से मध्य प्रदेश राज्य में जन्म लिंग अनुपात 927 की अपेक्षा 956 तक बढ़ गया है।
इस योजना के तहत अब तक 78 हजार से अधिक प्रमाण पत्र वितरित किये जा चुके हैं।
राज्य में किसी भी योजना⁄कार्यक्रम के शुरूआत से पूर्व बेटियों की पूजा करनी होगी।
लाडली लक्ष्मी योजना की शर्तें
इस योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को बालिकाओं को प्रदान किया जायेगा।
योजना के तहत लाभान्वित होने वाले लाभार्थी को 18 वर्ष तक अविवाहित रहना होगा। 21 साल की उम्र पूरी कर लेने के बाद बालिका को उसके बैंक खाते में 01 लाख रूपये की मदद राज्य सरकार द्वारा दी जायेगी। इस धनराशि का प्रयोग उच्च शिक्षा को प्राप्त करने‚ लाभार्थी की स्वयं की शादी हेतु प्रयोग किया जा सकता है लेकिन उक्त राशि का प्रयोग दहेज देने के लिए नहीं किया जा सकता है।
इस योजना का लाभ कई चरणों में प्रदान किया जाता है। योजना का मकसद महिला सशक्तिकरण को बढ़ाकर उन्हें शिक्षित करना है। यदि लाभार्थी स्कूली शिक्षा प्राप्त करना बंद कर देती है तो उसे इस योजना से बाहर कर दिया जायेगा।
एक परिवार में अधिकतम 02 बालिकाओं को इस योजना का लाभ प्राप्त हो सकता है।
गाेद ली गयी संताने भी इस योजना के लिए पात्र होंगी। योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को गोद लिये गये बालिका का गोदनामा प्रस्तुत करना होगा।
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए बालिका के जन्म के 01 वर्ष के अन्दर ही आवेदन कराना होगा।
इस पेज कर कुल चार प्रश्न के उत्तर सेलेक्ट करने हैं। आप सही उत्तर को सेलेक्ट करें और जानकारी सुरक्षित करें के बटन पर क्लिक करें।
यहाँ पर 09 अंको का समय आईडी मांगा जायेगा। (समय आईडी आँगनबाड़ी कार्यकत्री से प्राप्त किया जा सकता है) 09 अंको का समय आईडी भरकर आगे बढ़ें।
इस पेज पर आवेदन फार्म दिखायी देगा। जहां आवेदक का विवरण‚ परिवार का विवरण‚ टीका कार्ड का विवरण तथा जरूरी दस्तावेज को अपलोड कर फाम्र को सबमिट कर दें। इसकेे बाद आपको रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त होगा। जिसका प्रिंट आउट निकाल कर सुरक्षित कर लें। रजिस्ट्रेशन नंबर की आवश्यकता भविष्य स्टेटस चेक करने‚ लॉगिन करने‚ प्रमाण पत्र डाउनलोड करने सहित लाडली योजना से संबन्धित अन्य कार्यों में पड़ेगा।
लाडली लक्ष्मी योजना पात्रता की प्रमुख शर्तें निम्नवत हैं– पहला– बेटी के माता–पिता मध्य प्रदेश राज्य के निवासी होने चाहिए। दूसरा– माता–पिता में से कोई भी आयकर जमा करने वाला न हो। तीसरा– माता–पिता के दो से अधिक संतान नहीं होने चाहिए। दूसरी संतान के जन्म के बाद परिवार नियोजन अपनाना आवश्यक है। वहीं पहली संतान के रूप में यदि बेटी का जन्म हुआ हो तो परिवार नियोजन के बगैर ही लक्ष्मी योजना का लाभ प्राप्त होगा। गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत करने वाले परिवार इस योजना के लिए पात्र होंगे।
लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ लेने हेतु बालिका की उम्र कितनी होनी चाहिएॽ
लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ उन बालिकाओं को प्राप्त हो सकता है, जिनका जन्म 01 जनवरी 2006 के बाद हुआ है।