Government subsidy schemes for farmers | किसान सब्सिडी योजना | प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) | ग्रामीण भण्डारण योजना
Government subsidy schemes for farmers: केन्द्र एवं राज्य में किसी भी राजनीतिक पार्टी की सरकार क्यों न हों‚ उनका लक्ष्य कृषि उत्पादन को बढ़ाकर किसानों की आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना ही होता है। इसी को ध्यान में रखकर वर्तमान भारत सरकार द्वारा कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर कृषि के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराना है।
इसी को ध्यान में रखकर सरकार किसानों के हित में विभिन्न प्रकार के सरकारी लाभकारी योजनाएं लाती रहती हैं। सरकार की मंशा में है कि कृषि के क्षेत्र में आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही वैज्ञानिक तकनीकों का अधिकतम प्रयोग कर कृषि के क्षेत्र में रोजगार की बेहतर संभावनाएं उत्पन्न की जाय।
Government subsidy schemes: सरकार अपने नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य शिक्षा एवं रोजगार उपलब्ध कराकर देश की प्रगति में हर नागरिक का योगदान सुनिश्चित करना चाहती है। देश की प्रगति में किसानों का योगदान सबसे अधिक होता है। इसलिए किसानों की आर्थिक उन्नति एवं उन्हें बेहतर जीवन प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाएं लायी जाती रहती है।
जिस प्रकार जीवन के अन्य क्षेत्रों में सरकार प्रगति कर रही है‚ उसी प्रकार खेती–किसानी के कार्य में लगे किसानों की तरफ ध्यान देकर उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गौरतलब है कि देश की अधिकतर आबादी किसी न किसी प्रकार से कृषि से जुड़ी हुई है। इसलिए कृषि क्षेत्र में विकास काफी संभावनाएं है। जिस पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
ज्ञातव्य है कि लॉक डाउन के दौरान भारत का विकास दर पहली तिमाही में घट कर -24 प्रतिशत हो गया था। लेकिन इसके ठीक विपरीत कृषि क्षेत्र में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी थी। इसलिए देश के सर्वांगीण विकास में कृषि क्षेत्र से सम्बन्धित व्यवसायों का अतिमहत्व है। इसी के मद्देनजर सरकार द्वारा लायी गयी 10 प्रमुख योजनाओं पर चर्चा कर प्रकाश डाल रहे हैं।
जल प्रबंधन एवं सिंचाई के जल की उपलब्धता हर किसान तक पहुंचाने हेतु इस योजना की शुरूआत वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार द्वारा की गयी थी। योजना के तहत किसानों को कृषि उपकरण खरीद हेतु ऋण में छूट प्रदान कर उनकी मदद की जाती है। किसानों‚ किसान समूहों आदि को PMKSY के तहत सिंचाई के बेहतर संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी। जिससे जल का संरक्षण एवं प्रबंधन करने में बहुत मदद मिलेगी।
योजना से पानी की बर्बादी कम होगी और हर खेत को पानी सुनिश्चित किया जा सकेगा। सही प्रकार से जल का प्रबंधन करने पर पानी एवं धन की बर्बादी पर लगाम लगेगी तथा पानी की समस्या से छुटकारा भी मिलेगा। पानी की हर बूंद को खेती किसानी के प्रयोग में लाया जायेगा। नये जल स्रोतों का निर्माण होगा और जल का प्रबंधन वैज्ञानिक तरीके से किया जायेगा। केन्द्र सरकार इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु 50 हजार करोड़ रूपये का कोष संरक्षित की है।
योजना का नाम | प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) |
योजना का स्लोगन | हर खेत को पानी |
योजना शुरू होने की तिथि | 2015 |
उद्देश्य | सिंचाई हेतु जल का संरक्षण एवं प्रबंधन |
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इस योजका की शुरआत वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार द्वारा की गयी थी। योजना की शुरूआत जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु किया गया था। इस योजना में परंपरिक संधाधनों का प्रयोग कर खेती–किसानी की पहल शुरू करने की योजना थी। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु किसानों को समूहों बनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। सरकार की योजना जैविक खेती का दायरा बढ़ाकर 05 लाख एकड़ तक लाने का है।
इसके साथ किसानों का समूूह या कलस्टर को 10000 तक करने का है। सरकार द्वारा पहले वर्ष किसानों के एक कलस्टर पर लगभग 14.35 हजार रूपये तक का खर्च वहन करेगी। दूसरे व तीसरे वर्ष क्रमशः 4.81 लाख एवं 2.72 लाख रूपये क मदद प्रत्येक कलस्टर⁄समूह को प्राप्त होगा।आपको मालूम होना चाहिए कि किसानों के एक कलस्टर में लगभग 50 किसान जैविक खेती करने के लिए तैयार होते हैं। यदि किसान इस योजना में शामिल होते हैं तो प्रति किसान 20 हजार रूपये सरकार द्वारा प्रदान किये जायेंगे।
जैविक खेती करने में लगने वाले लागत का खर्च सरकार स्वयं उठायेगी। परंपरागत कृषि विकास योजना को एन.जी.ओ. के माध्यम से विभिन्न कृषि सुविधाएं उपलब्ध कराकर किसानों को जैविक खेती करने हेतु प्रोत्साहित करेगी। वैज्ञानिक प्रमाणित जैविक खेती से जो उपज पैदा होगी वह कीटनाशनकों से मुक्त होगी‚ जिससे उपभोक्ता के स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का बुरा असर नहीं होगा। इससे किसानों की आय में वृद्धि होने के साथ ही व्यापारियों को एक नया बाजार जैविक उत्पाद के रूप में प्राप्त होगा। यह योजना आगे के पीढ़ियों के लिए प्रकृतिक संसाधन काे संरक्षित करने में अवश्य ही मदद करेगा
योजना का नाम | परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) |
योजना शुरू होने की तिथि | 2015-16 |
उद्देश्य | परंपरागत जैविक खेती का बढ़ावा देना एंव रासायनिक खाद पर निर्भरता कम करना |
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यह योजना किसानों को अत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया गया एक आवश्यक कदम है। किसानों को इस योजना से प्रत्येक फसल पर 02 लाख रूपये तक का बीमा कवर प्रदान किया जायेगा। प्राकृतिक आपदाओं के समय में यह योजना काफी असरकारक सिद्ध होगी। बीमा की रकम किसानों के बैंक खातों में सीधे प्रदान की जाती है। बीमा का लाभ लेने के लिए रवी की फसल पर 1.5 प्रतिशत एवं खरीफ की फसल पर 2 प्रतिशत के प्रीमियम का भुगतान करना होता है।
वहीं वागवानी एवं वाणिज्यिक फसलाें पर 5 प्रतिशत का प्रीमयम देय होगा। इससे किसानों के आय में स्थिरता आयेगा। कीट–पतंगो‚ प्रकृतिक एवं आकस्मिक आपदाओं के समय किसानों को फसल नुकसान का भय नहीं होगा। फसल के अत्यधिक नुकसान हो जाने पर भी किसानों को खेती किसानी करने में आर्थिक समस्या का सामना नहीं करना होगा। यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनने में काफी मदद करेगी।
योजना का नाम | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) |
योजना शुरू होने की तिथि | 2016 |
उद्देश्य | प्राकृतिक आपदाओं, कीटों, रोगों आदि से फसल को सुरक्षा प्रदान करना |
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इस योजना से किसानों को अन्न भण्डारण करने हेतु सुविधा प्रदान किया जाता है। किसानों को उनकी उपज को सुरक्षित रखन हेतु पर्याप्त मात्रा में प्रमाणिक आधुनिक भण्डारण क्षमता का निर्माण किया जाता है। किसानों को उनकी उत्पाद काे अधिकतम स्तर तक सुरक्षित रखने हेतु ग्रामीण भण्डारण योजना की शुरूआत की गयी है। पहले किसानों को अपना अनाज सुरक्षित रखने के लिए अपने घर के अलावा कोई सुरक्षित स्थान नहीं होता था।
जिससे उन्हें कम दामों पर अपने फसल को बेचने हेतु मजबूर होना पड़ता था। जिससे उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। इसी को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा ग्रामीण भण्डारण योजना की शुरूआत वर्ष 2023 में की गयी है। अब किसानों को फसल कटाई के तुरंत बाद आंधी–तूफान–बारिस आदि होने से किसानों की उपज को सुरक्षित कर उन्हें औने–पौने दामों में फसल बिक्री हेतु मजबूर नहीं होना पड़ेगा। भण्डारण में अनाज सुरक्षित होने से उपज का सही दाम सही समय पर प्राप्त हो सकता है।
व्यवस्थित भण्डार सुविधा के कारण बाजार में उचित मूल्य पर अनाज को बेचा जा सकता है। इससे अनाज की गुणवत्ता लंबे समय तक बरकरार रखने में मदद मिलेगी।
योजना का नाम | ग्रामीण भण्डारण योजना |
योजना शुरू होने की तिथि | 2023 |
उद्देश्य | किसानों को फसल भण्डारण हेतु प्राप्त ऋण पर सब्सिडी देना |
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