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e RUPI: यह एक प्रकार का डिजिटल भुगतान प्रणाली है, कैसलेश भुगतान मेंं होने वाली समस्या को खत्म करने तथा हेराफेरी को पूरी तरह से समाप्त करने के उदे्श्य से इस प्रमाली को विकसित किया गया है। e-RUPI को DFS यानी Department of Financial Services (वित्तीय सेवा विभाग) और NHA यानी (National Health Authority) (राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण)‚ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के सहयोग से विकसित किया गया है। इसे NPCI यानी National Payments Corporation of India (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) द्वारा संचालित किया जाता है। इस प्रणाली का विकास कैशलेस भुगतान समाधान को अनुमति देने हेतु किया गया है।
e Rupi digital payment platform आसान, सुरक्षित और पूरी तरह से संपर्क रहित है। e-RUPI प्रणाली लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के विवरण को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाता है। इसमें लाभार्थी को लाभ के रूप में एक क्यूआरकोड (वाउचर) प्रदान किया जाता है। इस क्यूआरकोड (वाउचर) में आवश्यक धनराशि पहले ही मौजूद रहती है साथ ही लेनदेन की प्रक्रिया विश्वसनीय और अधिक तेज होती है।
e RUPI डिजिटल भुगतान हेतु एक कैशलेस और संपर्क रहित व्यवस्था है। सही मायने में देखा जाय तो e-RUPI वाउचर देश में डिजिटल लेनदेन के लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) को और अधिक प्रभावी बनाने में बड़ी भूमिका निभाने के साथ-साथ डिजिटल शासन की व्यवस्था को और मजबूत करेगा। यह पारदर्शी और बिना किसी लूप होल के तथा लक्ष्य के अनुसार वितरण में सभी की मदद करेगा।
पहले सरकार अथवा किसी संगठन के द्वारा किसी प्रकार की सहायता जैसे इलाज, शिक्षा या अन्य किसी काम में दी जाती थी तो उसमें बंदरबाट की संभावना अधिक रहती है। बिचौलिया या माध्यम बनने वाली संस्था/व्यक्ति द्वारा सहायता दी जाने वाली राशि में से कुछ राशि तो गायब ही कर देते है।
फलस्वरूप सहायता पाने वाले व्यक्ति को पूरी राशि नहीं मिल पाती है। लेकिन यदि नगद धनराशि के स्थान पर e-RUPI वाउचर का प्रयोग सहायता प्रदान करने के रूप में किया जाता है तो बंदरबाट की संभावना काफी कम हो जायेगी। साथ दी गयी धनराशि का प्रयोग उसी काम में किया जाय, e-RUPI यह सुनिश्चित भी करेगा।
e-RUPI वाउचर का प्रयोग जिस योजना हेतु सहायता के लिए दी जा रही है, उस उदे्श्य की पूर्ति भी हो सकेगी। क्योंकि मान लिजिए की यदि आपको खाद खरीदने हेतु सरकार द्वारा e-RUPI वाउचर प्रदान किया जाता है तो उक्त e-RUPI वाउचर सिर्फ खाद खरीदने के लिए लिए प्रयोग किया जा सकता है न कि किसी अन्य वस्तु को खरीदने में।
इस प्रणाली के आने से पहले लाभ को सही व्यक्ति तक पहुंचे सके, इस उदे्श्य की पूर्ति के लिए मोबाईल और आधार को जोड़ने की प्रक्रिया जैम प्रणाली के माध्यम से वर्षों पूर्व ही शुरू कर दी गयी थी। जैम प्रणाली का सकारात्मक परिणाम कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद कर प्राप्त भी किया गया।
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वर्तमान में लगभग 250-300 से अधिक योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से स्थानांतरित भी किया जा रहा है तथा एक आंकड़े के अनुसार लगभग 85 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से राशन, छात्रवृत्ति, एलपीजी, चिकित्सा उपचार, वेतन वितरण या पेंशन आदि का लाभ दिया जा रहा है।
वहीं पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब तक लगभग 1 लाख 35 हजार करोड़ रूपये डीबीटी (DBT) के माध्यम से किसानों को प्रदान किया जा चुका है, तथा लाभार्थियों का लगभग पौने दो लाख करोड़ रूपया बिचौलियों/माध्यम बनने वाले लोगों के हाथों में जाने से बचा लिया गया। डिजिटल रूप में यूपीआई के दारा जुलाई 2011 में लगभग 300 करोड़ ट्रांजैक्शन किया गया है, यह ट्रांजैक्शन लगभग 6 लाख करोड़ रूपये के बबराबर है। PM Kisan Samman Nidhi से संबन्धित विस्तृत जानकारी के लिए क्लिक करें।
विभाग का नाम | NPCI (National Payments Corporation of India) |
आफिशियल बेबसाईट | www.npci.org.in |
लांच तिथि | 02 August 2021 lanched By PM Narendra Modi |
Developed by | DFS (Department of Financial Services) (वित्तीय सेवा विभाग), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) और NHA (National Health Authority) (राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण) |
e-RUPI QR Code या SMS String पर दी जाने वाली लाभ की अधिकतम सीमा पहले 10 हजार रूपये तक हुआ करती थी। जिसे अब भारतीय रिजर्व बैंक आफ इण्डिया (RBI) द्वारा 10000 से बढ़ाकर 100000 रूपये तक कर दिया गया है। इसके साथ ही RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा में यह तय किया गया है कि e-RUPI QR Code या SMS String का उपयोग कई बार किया जा सकता है। जब तक कि उसमें उपलब्ध राशि को पूरी तरह Redeem न कर लिया जाय।
इस घोषणा का मकसद केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए किया गया है। क्योंकि अधिकतर मामलों में लाभार्थी को 10 हजार से अधिक की मदद सरकारों द्वारा दी जाती है। इस प्रकार से ई रूपी के दायरे को बढ़ा कर अधिक लाभ प्राप्त करने वालों के लिए समक्ष बना दिया गया है। यह निश्चित ही बैंक रहित व्यक्तियों और फीचर फोन का उपयोग करने वाले लाभार्थियों की प्रभावी मदद करेगा। इस योजना में लाभार्थी को साधारण फोन पर बिना इण्टरनेट के एवं बिना बैंक खाते के ही e-RUPI QR Code Vouchers या SMS String दे कर लाभ प्राप्त करा दिया जाता है।
अब तक देश के कई प्रमुख बैंक e RUPI digital क्यूआरकोड वाउचर या SMS String के क्रियान्वयन में अपनी भागीदारी दे रहे है, जिसमें कुछ प्रमुख बैंको के नाम निम्नलिखित हैं-
बाउचर को भुनाने के लिए व्यापारी भाई e-RUPI App गूगल के Play Store पर या NPCI (National Payments Corporation of India) की आफिसियल बेबसाईट से डाउनलोड कर सकतें हैं। डाउनलोड का लिंक शीघ्र ही sarkarifriend.com पर उपलब्ध होगा। धन्यवाद।
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