सम्पत्ति के स्थानांतरण की प्रक्रिया Dakhil Kharij कहलाती है। दाखिल खारिज को अंग्रेजी में Mutation कहा जाता है। सम्पत्ति के स्थानान्तरण की प्रक्रिया के साथ ही सम्पत्ति पर नामांतरण की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है।खारिज दाखिल कृषि⁄गैर कृषिक सम्पत्ति के नये मालिक के नाम को खतौनी⁄खतियान में दर्ज करा देता है। Dakhil Kharij की प्रक्रिया पूर्ण हुए बिना सम्पत्ति का पंजीकरण पूरा नहीं हो सकता।
एक उदाहरण के तौर पर इसे प्रकार समझा जा सकता है कि जब किसी सम्पत्ति को खरीदा या बेचा जाता है, तो सबसे पहले पहली प्रक्रिया भूमि या सम्पत्ति की रजिस्ट्री ⁄ पंजीकरण तहसील स्थित रजिस्ट्रार कार्यालय में सम्पन्न करायी जाती है। सम्पत्ति का रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद यदि किसी व्यक्ति ने बैनामा की गयी उक्त सम्पत्ति पर कोई आपत्ति नहीं दर्ज करायी है तो 60 दिनों में Dakhil Kharij की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। लेकिन यदि किसी ने आपत्ति दर्ज करा दी है तो 90 दिनों के अन्दर आपत्ति का निस्तारण कर खारिज दाखिल की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी भूमि का क्रय करने के बाद उस भूमि का खारिज दाखिल करा लेना चाहिए। इससे क्रय की गयी भूमि का हक–हकूकात क्रेता के नाम दर्ज हो जाता है। यदि क्रेता किसी कारणवश भूमि का Dakhil Kharij नहीं करा पाता है तो भूमि का वास्तविक मालिक दर्ज कागजातों में पिछला मालिक ही रहेगा। ऐसी दशा में किसी कारणवश यदि भूमि का अधिग्रहण सरकार द्वारा की जाती है तो भूमि पर मिलने वाला मुआवजा पिछले मालिक को प्राप्त हो सकता है, क्योंकि भूमि के खतियान⁄खतौनी में पुराने मालिक का नाम ही दर्ज कागजात दिखायी देगा।
इस प्रकार क्रेता का चाहिए कि भूमि क्रय करने के बाद बैनामा के अन्तर्गत होने वाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया खारिज दाखिल यानी की भूमि का म्यूटेशन आवश्य करा लेवें। इसी प्रकार से गैर कृषि भूमि का Dakhil Kharij करा लेना चाहिए। हालांकि यह आवश्यक नहीं है कि गैर कृषि भूमि का म्यूटेशन नहीं होने पर भूमि पर मालिकाना हक पुराने मालिक को दे दिया जाय। फिर भी कानूनी पेचीदगी से बचने के लिए गैर कृषि भूमि का भी खारिज दाखिल कराकर चैन की सांस ली जा सकती हैं।
पुराने टैक्स जैसे पानी, बिजली या फिर हाउस टैक्स आदि से बचने के लिए गैर कृषि भूमि का लोग म्यूटेशन नहीं कराते हैं, जिसके कारण जमीन के पुराने मालिक को टैक्स आदि का भुगतान करना पड़ सकता है। फिर भी हम आपको सलाह देते हैं कि खारिज दाखिल की प्रक्रिया अतिमहत्वपूर्ण होती है, इसलिए यदि आप ने अभी तक अपने भूमि का Dakhil Kharij नहीं कराया है तो अपने एडवोकेट से सम्पर्क कर Dakhil Kharij प्रक्रिया को पूर्ण करा लें।
Dakhil Kharij Bihar : मित्रों यदि आप बिहार राज्य के निवासी हैं और दाखिल खारिज करना चाहते हैं तो यह बहुत आसान है। दाखिल खारिज बिहार में करने की प्रक्रिया आनलाईन ही पूरी की जाती है। ऑनलाइन दाखिल खारिज करने के लिए आवश्यक कागजातों में राजिस्ट्री के पेपर ही होते हैं। नीचे बताये गये नियमों का पालन करके बड़ी ही सरलता के साथ अपने स्वयं ऑनलाइन दाखिल खारिज हेतु आवेदन कर सकते हैं। तो चलिए dakhil kharij online की प्रक्रिया को समझते हैं।
इसे पेज पर कुल 6 स्टेप्स दिखायी देगा‚ जिसे क्रमशः पूरा करना होगा–
स्टेप 1. Applicant Details–
यहां पर आवेदक का नाम‚ अभिभावक का नाम‚ आवेदक व अभिभावक के बीच का सम्बन्ध‚ खारिज दाखिल का प्रकार जैसे Sale/Purchase‚ ई–मेल‚ मोबाइल नंबर के साथ पूरा पता भरना है। यदि वर्तमान पता और स्थायी पता एक ही है तो Same as Present के सामने दिये गये चेक बाकस में क्लिक करके Save & Next के बटन पर क्लिक कर दें।
स्टेप 2. Document Details–
यहां पर Document Type में से Register Deed/Dar Kewla सेलेक्ट करें (ध्यान दें यदि दाख़िल ख़ारिज का प्रकार ख़रीद/बिक्री हैं तो दस्तावेज़ के प्रकार में से रजिस्ट्रेशन डीड चुनना होगा), Document No(Deed No) में दस्तावेज़ संख्या दर्ज करें‚ Date वाले बाक्स में तारीख दर्ज करें‚ Amount वाले बाक्स में दस्तावेज की रकम को दर्ज करें‚ DSRO/SRO (दस्तावेज़ जारी करने वाले अधिकारी का नाम चुनें)। एक से अधिक Document होने पर Add के बटन पर क्लिक करके उपर बताये गये विवरण को सेलेक्ट/दर्ज करें। इसके बाद Save and Next के बटन पर क्लिक करें।
स्टेप 3. Buyer Details–
यहां पर Name* (क्रेता अपना नाम लिखें)‚ Gurdian Name* (क्रेता के अभिभावक का नाम लिखे )‚ Relation* (क्रेता और अभिभावक के बीच का संबंध चुने), Caste* (क्रेता अपना जाति चुने) Gender* (क्रेता का लिंग महिला/पुरूष/ट्रांसजेण्डर चुने)‚ Mobile* (क्रेता का मोबाइल नंबर भरें)‚ Address* (क्रेता का पूरा पता लिखे)। यदि एक से अधिक क्रेता हैं तो . "Add more" के बटन पर क्लिक करके दुसरे क्रेता का विवरण उपर बताये गये विधि के अनुसार दर्ज करें।
स्टेप 4. Seller Details–
यहां पर Name* (विक्रेता का नाम लिखें)‚ Gurdian Name* (अभिभावक का नाम लिखे )‚ Relation* (विक्रेता और अभिभावक के बीच का संबंध चुने), Caste* (विक्रेता अपना जाति चुने)‚ Gender* (विक्रेता कस लिंक महिला/पुरूष/ट्रांसजेण्डर चुने)‚ Mobile* (विक्रेता का मोबाइल नंबर भरें)‚ Address* (विक्रेता का पूरा पता लिखे)। यदि एक से अधिक विक्रेता हैं तो . "Add more" के बटन पर क्लिक करके दुसरे विक्रेता का विवरण उपर बताये गये विधि के अनुसार दर्ज करें।
स्टेप 5. Plot Details–
Halka (हल्का का नाम चुने),
Rev.Thana - Mauja (मौजा का नाम चुने),
Khata No (खाता नंबर लिखें),
Plot no/Khesra No.(प्लॉट नंबर लिखें ),
Transacted Area1 (एकड़) इसमें क्षेत्रफल भरे (जैसे - आपका क्षेत्रफल 5 डिसमिल हैं तो Transacted Area1 मे 0 तथा Transacted Area2 में 5 भरना होगा)‚
Transacted Area2 (डिस्मिल) यहां क्षेत्रफल कुछ इस प्रकार भरना होगा। जैसे– यदि आपका क्षेत्रफल 1 एकड़ 5 डिसमिल हैं तो Transacted Area1 में 1 लिखे और Transacted Area2 मे 5 लिखना होगा)‚
Chauhaddi North + Chauhaddi South + Chauhaddi East + Chauhaddi West –
इन सभी कालम में दिशा के अनुसार चौहदी लिखकर Save & Next के बटन पर क्लिक करें। एक से प्लॉट होने पर Add New Row के बटन पर क्लिक करकें इसी प्रकार से प्रक्रिया को दोबार पूरा करें।
स्टेप 6. Document Upload–
यहां पर सबसे पहले सभी दस्तावेजों को एक PDF फाइल बना लें। ध्यान रखे सभी दस्तावेज को PDF फाइल बनाने से पूर्व स्वप्रमाणित कर लें। दस्तावेजों को कुछ इस प्रकार के PDF फाइल बनायें कि उसकी साईज 02 MB से अधिक न होने पाये। इसके बाद कैप्चा कोड भरकर PDF फाइल को अपलोड कर दें।
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मित्रों यदि आप दाखिल खारिज हेतु आनलाईन आवेदन कर चुके हैं इसके बाद दाखिल खारिज ऑनलाइन बिहार स्टेटस यानी Mutation Status Check चेक करना चाहते है तो इस कालम में बिहार दाखिल खारिज की स्थिति के विषय में पूरी जानकारी का सचित्र वर्णन मिलेगा। जिसे पढ़कर बहुत ही आसानी से Mutation Status Check / दाखिल खारिज ऑनलाइन बिहार स्टेटस चेक कर सकते हैं।
इस प्रकार उपरे बताये गये विधि का प्रयोग करके बिहार राज्य का Mutation Status Check | दाखिल खारिज की स्थिति को चेक किया जा सकता है।
नोट– बिहार राज्य का दाखिल खारिज स्टेट्स चेक करने से पूर्व दाखिल खारिज किये गये आवेदन का जिला एवं अचंल तथा वित्तीय वर्ष के साथ ही आवेदन का केस नंबर‚ डीड नंबर‚ मौजा‚ प्लाट नंबर आदि की जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि इन जानकारियों के बगैर बिहार दाखिल खारिज स्टेट्स चेक चेक नहीं किया जा सकता है।
Online Dakhil Kharij करते समय लगने वाले प्रमुख दस्तावेजों में आवेदक का विवरण, मोबाईल नंबर, भूमि⁄सम्पत्ति के दस्तावेज का विवरण, खरीदने वाले का विवरण, बेचने वाले का विवरण, जमीन का नंबर की आवश्यकता होगी। जमीन के दस्तावेजों का एक PDF फाइल जो 02 MP से कमा होना चाहिए‚ को आनलाईन करने के अंतिम चरण में अपलोड करने की आवश्यकता होती है।
1. आवेदक नाम एवं पता |
2. आवेदक का E Mail ID & Mobile Number |
3. सम्पत्ति का दस्तावेज |
4. क्रेता का नाम एवं पता सहित अन्य आवश्यक विवरण |
5. गाटा संख्या |
6. विक्रेता का नाम एवं पता सहित अन्य आवश्यक जानकारी |
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दाखिल खारिज हेतु आवदेन करने के बाद लगभग 30-60 दिनों के अन्दर दाखिल खारिज हो जाता है।
किसी व्यक्ति के द्वारा गलत तरीके से दाखिल खारिज करवाने की प्रक्रिया को रोकने हेतु आपत्तिकर्ता को एक वाजिब कारण सहित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करना होगा।
शुद्धि पत्र मिलने में करीब 30 से लेकर 60 दिनों तक का समय लग सकता है।
दाखिल खारिज हेतु आवेदन के लिए Applicant Details, मोबाईल नंबर, Document Details, Buyer Details, Seller Details, Plot Details, एवं Document की आवश्यकता होगी। सभी दस्तावेजों को एक PDF फाइल बनाकर आनलाईन आपलोड करना होगा।
पुनः आवेदन करना होगा।
फर्जी दस्तावेज के आधार पर ख़रीद/बिक्री कराने की स्थिति में राजिस्ट्री कैसिल हो जाती है।
हॉ। यदि किसी व्यक्ति ने फर्जी तथ्यों⁄दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री बैनामा कराया है तो कराये गये रजिस्ट्री बैनामा को खारिज किया जा सकता है।
बिहार भूमि एवं राजस्व् की विभाग की बेबसाईट पर जाकर दाखिल खारिज की स्थिति वाले बटन पर क्लिक करना है। इसके बाद मांगी जा रही जानकारी को दर्ज करके दाखिल खारिज की स्थिति का अवलोकन किया जा सकता है।
दो से लेकर चार सप्ताह तक का समय दाखिल खारिज होने में लग सकता है।
इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार के आधिकारिक बेबसाईट पर जायें। बेबसाईट के होम सबसे उपर राजस्व कर्मचारी मोबाइल ऐप डाउनलोड करने का लिंक प्राप्त हो जायेगा। जिस पर क्लिक करके डाउनलोड एवं इंस्टाल किया जा सकता है।
दाखिल खारिज को अंग्रेजी में Mutation कहा जाता है।
दाखिल खारिज एक ऐसी प्रक्रिया है‚ जिसमें सम्पत्ति का स्थानान्तरण सम्पन्न होता है। इसे अंग्रेजी में Mutation भी कहा जाता है। दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने पर सम्पत्ति के स्थानान्तरण के साथ ही सम्पत्ति पर नामांतरण की कार्यवाही पूरी हो जाती है।
भूमि या सम्पत्ति का बैनामा यानी कि रजिस्ट्री होने के लगभग 60 दिनों के अन्दर दाखिल खारिज की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाती है। लेकिन आपत्ति लगने के बाद दाखिल खारिज होने में लगभग 90 दिनों तक का समय लग सकता है।
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