वरासत क्या हैॽ Varasat Online कैसे करेंॽ varasat status कैसे चेक कर सकते हैंॽ वरासत की जरूरत कब होती हैॽ UP Varasat Online करने की प्रक्रिया क्या हैॽ इन सभी प्रश्नों पर विस्तारपूर्वक चर्चा आज हम करने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में चल रही सभी सरकारी सेवाओं को आनलाईन करने की प्रकिया लगभग पूरी हो चुकी है। अपवाद स्वरूप ही कुछ ऐसे सरकारी विभाग होंगे‚ जहां पर आफलाईन माध्यम से आवेदन एवं उससे जुड़ी प्रक्रिया पूरी की जाती हो। इस क्रम में भूलेख विभाग का भी नाम भी आता था। पूर्व में जहां वरासत की सभी प्रक्रियायें आफलाईन पूरी की जाती है लेकिन अब वरासत एवं राजस्व की सभी प्रक्रिया आनलाईन कर दी गयी है। जहां वरासत आनलाईन करने से लेकर उसका स्टेटस चेक करने एवं अन्य प्रकार के सभी कार्यों को आनलाईन ही पूरा किया जाता है। वरासत जैसे कार्य राजस्व विभाग के अन्तर्गत आते हैं‚ राजस्व विभाग में वरासत (Varasat) का स्थान काफी महत्वपूर्ण है।
Online Varasat का महत्व संक्षेप मेंः 2024
मान लिजिए कि काेई एक व्यक्ति है‚ उस व्यक्ति के नाम पर भूमि⁄खेत⁄मकान आदि का आराजी नंबर दर्ज है। यदि किसी कारणवश उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है‚ तो उसके नाम पर जो भी भूमि⁄सम्पत्ति होगी‚ उसे उसके उत्तराधिकारी को हस्तांरित कर दिया जाता है। लेकिन इसके लिए मृतक खातेदार के उत्तराधिकारी को आनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से स्वयं अथवा किसी आनलाईन सेंटर पर जाकर Varasat Online कराना होता है।
आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद आवेदन पत्र के प्रिंट आउट के साथ‚ परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड‚ मृतक खातेदार का मृत्यु प्रमाण पत्र‚ मृतक खातेदार के भूमि की खतौनी तथा परिवार नकल के प्रतिलिपि के साथ अपने हल्के के लेखपाल के पास जमा करना होता है। इसके पश्चात लेखपाल⁄राजस्व निरीक्षक द्वारा जमा किये गये आवेदन का स्थानीय स्तर पर जांच–पड़ताल किया जाता है।
इसमें हल्के⁄क्षेत्र के कानूनगों की भी सहमति होती है। जांच की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत अंत में सभी प्रपत्र तहसीलदार महोदय के पास पहुंचता है। यदि सबकुछ सही पाया जाता है तो तहसीलदार महोदय के आदेशानुसार खतौनी में उत्तराधिकारी का नाम दर्ज करने हेतु भूलेख विभाग को आदेशित कर दिया जाता है। तत्पश्चात 35 दिनों के बाद दाखिल खारिज (Mutation) हो जाने के साथ ही खतौनी में उत्तराधिकारी का नाम दर्ज हो जाता है।
विशेष नोट 1– वरासत आनलाईन एवं वरासत का स्टेट्स चेक करने के लिए नीचे के कालम में सचित्र वर्णन किया गया है।
विशेष नोट 2– पूर्व में वरासत हेतु आवेदन की प्रक्रिया आफलाईन ही पूरी की जाती थी। लेकिन वर्तमान में वरासत की पूरी कार्यवाही आनलाईन ही पूरी की जाती है। आनलाईन वरासत की प्रक्रिया वर्ष 2020 से शुरू हुई थी‚ जो अब तक जारी है।
वरासत आनलाईन / RCCMS UP / vaad.up.nic.in का Direct Link
RCCMS UP / https://vaad.up.nic.in एक ऐसी सरकारी बेबसाईट है, जहां पूरी पारदर्शिता के साथ कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के माध्यम से जनहित से सम्बन्धित आवश्यक सुविधायें मिलती है। जहां उत्तराधिकारी ⁄ वरासत हेतु आवेदन, पैमाईश हेतु (धारा 24) आवेदन, दाखिल खारिज⁄नामांतरण (धारा 34) हेतु आवेदन, कृषिक भूमि को गैर कृषिक भूमि में बदलने (धारा 80) हेतु आनलाईन आवेदन, कैविएट पंजीकरण की प्रमुख सुविधाएं प्राप्त होती है।
अन्य प्रकार की सेवाओं में वाद से संबन्धित सूचना, निर्धारित तारीख, न्यायालय से पारित किये गये आदेश एवं न्यायालय की कार्यवाही आदि का पूरा विवरण प्राप्त होता है। उत्तर प्रदेश में कुल 2842 न्यायालय हैं, जिसमें नायब तहसीदार के न्यायालय से लेकर राजस्व् परिषद सहित प्रदेश के सभी न्यायालयों में चलने वाले विचाराधीन एवं निस्तारित हुए मुकदमों से सम्बन्धित कार्यवाहियों एवं न्यायालय द्वारा पारित आदेशों को आनलाईन देखा जा सकता है।
RCCMS UP / vaad.up.nic.in की सेवाओं का सीधा लिंक
- वरासत हेतु आवेदन‚ पैमाईश हेतु आवेदन‚ खारिज दाखिल हेतु आवेदन‚ कृषक एवं गैर कृषिक भूमि में बदलने हेतु आवेदन एवं कैवियट पंजीकरण हेतु नीचे दिये गये Direct Link पर क्लिक करें।
- इसी प्रकार वाद खोज से संबन्धित विभिन्न्की सेवाओं तक पहुंचने के लिए नीचे दिये गये Direct Link पर क्लिक करें और सेवाओं का लाभ उठायें।
- न्यायालय आदेश देखने एवं उसे डाउनलोड करने हेतु नीचे दिये गये Direct Link पर क्लिक करें और सेवाओं का लाभ उठायें।
- वाद से संबन्धित सभी प्रकार के Login हेतु नीचे दिये गये Direct Link पर क्लिक करें और सेवाओं का लाभ उठायें।
- एन.टी. से लेकर मण्डलायुक्त तक Login हेतु नीचे दिये गये Direct Link दिया गया है। आप चाहे तो दिये गये लिंक पर क्लिक करके सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
न्यायालय आदेश देखें‚ राजस्व परिषद‚ एन.टी. आदि Login करें
- इस कालम में न्यायालय आदेश देखने हेतु सीधा लिंक प्रदान किया गया है। जिसे वाद संख्या अथवा आदेश तिथि के द्वारा सरलता से खोजा जा सकता है।
- इसके अतिरिक्त लॉगिन करने हेतु कई प्रकार के विकल्पों का सीधा लिंक भी दिया गया है। जहां मण्डल सहायक‚ निवेश मित्र स्टेटस अपडेशन एवं राजस्व परिषद के सभी उपयोगकर्ता लॉगइन कर सकते हैं।
- इसी प्रकार से लॉगिन पैनेल का उपयोग करके एन.टी. से लेकर मण्डलायुक्त तक सभी अधिकारीगण लॉगिन कर सकते हैं।
चकबंदी न्यायालय‚ राजस्व निरीक्षक‚ आर०के० एवं लेखपाल लॉगिन
- राजस्व संहिता की धारा 33(1) के अन्तर्गत उत्तराधिकार की जाँच आख्या हेतु दिये गये Direct Link का प्रयोग करके लेखपाल, राज०निरीक्षक, आ०के० दफ्तार के अधिकारी लॉगिन कर सकते हैं।
- वहीं दूसरी तरफ दिये गये Direct Link का उपयोग करते हुए चकबंदी न्यायालय के अधिकारीगण जैसे–चकंबदी आयुक्त, चकबंदी संचालक, जिला उप संचालक चकबंदी, उप संचालक चकबंदी, बन्दोबस्त अधिकारी चकबंदी, बंदोबस्त अधिकारी , चकबंदी अधिकारी तथा सहायक चकबंदी अधिकारी लॉगिन कर सकते हैं।
Varasat Main Point & Direct Link
विभाग का नाम | राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश |
योजना के अन्तर्गत होने वाले प्रमुख विभागीय कार्य | उत्तराधिकार ⁄ वरासत |
वरासत हेतु आवेदन की प्रक्रिया | Online |
सामान्य दिशा–निर्देश | ➤ डाउनलोड करें |
राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली RCCMS आधिकारिक वेबसाइट | ➤ Click Here |
Varasat Online हेतु डायरेक्ट लिंक | ➤ Click Here |
varasat online status हेतु डायरेक्ट लिंक | ➤ Click Here |
वरासत हेतु आर०सी० प्रपत्र 9 | ➤ डाउनलोड करें |
उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 E-Book (Full) | ➤ Read Now |
राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (Mobile Application) | ➤ Click Here |
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वरासत आवेदन पत्र (आर०सी० प्रपत्र 9) का pdf. कैसे डाउनलोड करेंॽ
वरासत आवेदन पत्र (आर०सी० प्रपत्र 9) को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें या फिर बताये गये स्टेप्स को फालों करें।
- सबसे पहले RCCMS आधिकारिक वेबसाइट https://vaad.up.nic.in/ पर जायें।
- इसके बाद RCCMS के होम पेज पर दिखायी दे रहे आनलाईन आवेदन के विकल्प पर क्लिक करें फिर उसमें दिखायी दे रहे उत्तराधिकार⁄वरासत के विकल्प पर क्लिक करें।
- अब आपके सामने एक नया पेज दिखायी देगा। ʺउत्तराधिकार / वरासत हेतु आवेदन पत्र का पी० डी० एफ डाउनलोड करेʺ के लिंक पर क्लिक करें।
- अब आपके सामने उत्तराधिकार⁄वरासत हेतु आवेदन पत्र का पी०डी०एफ० दिखायी देने लगेगा। अपनी आवश्यकता के अनुसार इस पेज पर, उपर दाहिने तरफ दिखायी दे रहे डाउनलोड अथवा प्रिंट करने के लिए दिये गये आईकान पर क्लिक करें।
- इस प्रकार से वरासत आवेदन पत्र (आर०सी० प्रपत्र 9) को डाउनलोड किया जा सकता है।
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UP varasat online करने का क्या उद्देश्य हैॽ
गौरतलब है कि पूर्व में वरासत के नाम पर धांधली करने की खबरे प्रकाश में आया करती थी। सम्पत्ति के वरासत के नाम पर ग्रामीणों से दलालों द्वारा भारी–भरकम पैसे वसूल किये जाते थे। इसी क्रम में भू–मफिया सीधे–साधे ग्रामीणों के साथ छल करके भूमि⁄सम्पत्ति को अपने नाम करा लेते थे, और वर्षों तक इस बात का पता ही नहीं चलता था।
इस प्रकार के गंभीर अपराधों को रोकने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वरासत की प्रक्रिया आनलाईन कर दी गयी।इसके लिए वरासत अभियान भी चलाया गया था। पहली बार वरासत उत्तराधिकार अभियान चलाकर वर्ष 2020 से लेकर 2021 तक वरासत का कार्य पूर्ण कर लिया गया तथा आवेदन की प्रक्रिया आनलाईन हो गयी।
varasat online होेने के बाद निश्चित ही भू–मफियाओं पर अंकुश लगा है। इसके साथ ही अब बार–बार लेखपालों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होती है।
Varasat Online के लाभ
आनलाईन वरासत करवाने के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं। जिसका विवरण नीचे दिया गया है।
- 1- भू–माफियाओं द्वारा भोले–भाले ग्रामीणों की भूमि पर अवैध कब्जा एवं अपने नाम से भूमि दर्ज कराने की प्रवृत्ति पर पूर्णतः रोक लग गयी है।
- 2- पूर्व में लेखपालों द्वारा आफलाईन वरासत के दौरान मनमाना कृत्य करने के मामले सामने आते थे। किन्तु जब से आनलाईन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से उनके गैर जिम्मेदारानापूर्व कार्य करने पर रोक लग गयी है।
- 3- ग्रामीणों के शोषण पर रोक लग रही है।
- 4- एक समय सीमा के अन्तर्गत ही वरासत से संबन्धित मामले का निस्तारण कर दिया जाता है।
- 5- आनलाईन प्रक्रिया के कारण वरासत का स्टेटस कभी भी चेक कर स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
- 6- वरासत की प्रक्रिया शुरू करने हेतु बार–बार लेखपाल का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। एक बार आनलाईन आवेदन हो जाने के पश्चात लेखपाल महोदय को स्वयं ही कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू ही करनी पड़़ती है।
- 7– वरासत की कार्यवाही शुरू करने हेतु बार–बार लेखपाल महोदय के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
- 8– आनलाईन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने से समय एवं कुछ हद तक पैसे की बचत हो रही है।
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Varasat Online करने हेतु आवश्यक दस्तवेजों की सूची
यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और वरासत कराना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इन दस्तावेजों के आधार पर ही आनलाईन आवेदन एवं आवेदन के सफल निस्तारण की प्रक्रिया पूर्ण हो सकेगी। आवेदन के पश्चात नीचे दिये गये सभी आवश्यक प्रपत्रों के साथ आवेदन को लेखपाल के पास जमा करना होता है। varasat online हेतु आवश्यक दस्तावेजों की सूची निम्न है–
- मृतक खातेदार का भूमि सम्बन्धित दस्तावेज (खतौनी‚ किसान बही आदि) की छायाप्रति।
- मृतक खातेदार का मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति।
- उत्तराधिकारियों के आधार कार्ड की छायाप्रति।
- परिवार नकल की छायाप्रति।
- मोबाईन नंबर।
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UP Varasat Online करने की आवश्यकता कब पड़ती हैॽ
सामान्य तौर पर खातेदार की मृत्यु हो जाने पर वरासत की आवश्यकता पड़ती है। खातेदार की मृत्यु से पूर्व वरासत की कोई आवश्यकता नही होती। खातेदार की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी को भूमि पर अपना नाम दर्ज कराने हेतु Varasat online कराना होता है।
आवेदन की प्रक्रिया जब पूरी हो जाती है‚ तब भूलेख विभाग द्वारा वरासत की प्रक्रिया पूर्ण कर उत्तराधिकार का नाम दर्ज कर लेती है। खारिज दाखिल हो जाने के बाद आनलाईन खतौनी का अवलोकन करके अपना नाम भूमि के खाते में देखा जा सकता है।
Varasat Online | UP Varasat Online
उत्तर प्रदेश में वरासत हेतु आनलाईन की प्रक्रिया बेहद सरल है। वरासत हेतु लगने वाले आवश्यक दस्तावेज को इकट्ठा करके मात्र 10 मिनट में ही वरासत की प्रक्रिया पूर्ण की जा सकती है। अन्य प्रकार के आनलाईन फार्म भरने के दौरान दस्तावेज अपलोड करने की अपेक्षा वरासत की प्रक्रिया के दौरान किसी भी दस्तावेज को आनलाईन अपलोड करने की आवश्कयता नहीं होती है। जो आवेदक का काफी समय बचाती है।
क्योंकि यदि दस्तावेज अपलोड करना होता तो अपलोड करने से पूर्व उसे स्कैन करके उसकी साईज निर्धारित करने के बाद उसे अपने कम्प्यूटर अथवा मोबाईल में सुरक्षित करना पड़ता‚ जिससे आवेदन करने का समय बढ़ सकता था। इसी को ध्यान में रख कर उत्तर प्रदेश सरकार ने वरासत आनलाईन करने की प्रक्रिया में दस्तावेज को अपलोड करने की छूट दे रखी है। वरासत आनलाईन करने हेतु नीचे बताये गये स्टेप्स को फालों करें।
- सबसे पहले राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली उत्तर प्रदेश की आधिकारिक बेबसाईट पर जायें। अभी जाने हेतु दिये गये लिंक पर सीधे क्लिक करें।
- अब आपके सामने एक नया पेजा होगा। इस पेज पर दिये गये ʺआनलाईन आवेदन करने हेतु यहाँ क्लिक करेंʺ के बटन पर क्लिक करें।
- क्लिक करने के साथ ही आप एक नये पेज पर चले जायेंगे। जहां मोबाईल नंबर दर्ज कर ʺमोबाईल पर ओ०टी०पी० भेजेʺ के बटन पर क्लिक करें। फिर ओ०टी०पी़० बाक्स में OTP भरकर कैप्चा कोड भरे और ʺलॉगिन करेंʺ के बटन पर क्लिक करें।
- यहां आपके सामने एक नया पेज दिखायी देगा। जहां आपको तीन विकल्प दिखायी देंगे। मृख्य पृष्ठ‚ आवेदन की प्रवृष्टि‚ लॉग आउट। आप आवेदन की प्रवृष्टि के बटन पर क्लिक करें।
- इसके बाद आवेदन की प्रवृष्टि में भाग–1 आवेदन का विवरण का पेज दिखायी देगा। यहां पर आवेदक का नाम‚ पिता⁄पतिका नाम‚ अवेदक उत्तर प्रदेश का है अथवा बाहर का है के सामने दिये गये चेक बाक्स में क्लिक करके आधार नंबर‚ मोबाईल नंबर भरें और मण्डल चुने‚ जनपद चुने‚ तहसील चुने और आवेदक का पता भरकर नीचे दिये गये सुरक्षित करें के बटन पर क्लिक करके आगे बढ़ें के बटन पर क्लिक कर दें।
- आवेदन के अगले चरण भाग–2 मृतक⁄मृतका⁄विवाहिता⁄पुर्नविवाहिता की मृत्यु के उपरान्त उत्तराधिकार का दावा के पेज पर पहुंच जायेंगे। जहां मृतक का खातेदार का विवरण भरना होगा।
- जिसमें मृतक का नाम‚ मृतक के पिता⁄पति का नाम⁄संरक्षक का नाम‚ मृतक की मृत्यु कोविड से हुई है अथवा नहीं‚ मृतक ⁄ मृतका ⁄ विवाहिता ⁄ पुर्नविवाहिता को सम्पत्ति प्राप्त होने का स्रोत दर्ज कर मण्डल चुने‚ जिला चुने‚ तहसील चुने‚ पगरना चुने‚ ग्राम चुने‚ पता दर्ज करे‚ आधार नंबर एवं मोबाईल नंबर भरकर सुरक्षित करें के बटन पर क्लिक करके आगे बढ़ें के बटन पर क्लिक कर दें।
- इसके बाद एक नया पेज भाग–3 दिखायी देगा‚ जहां मृतक के भूमि का विवरण भरना होगा। जिसमे मण्डल‚ जिला‚ तहसील‚ परगना‚ ग्राम चुनकर कुल भूखण्डों की कुल संख्या दर्ज भरनी होगा। जैसे यदि खतौनी में कुल 2 गाटा है तो 2 या फिर जितना गाटा है‚ उसकी संख्या भरे। इसके बाद गाटा आगे गाटा संख्या भरें और खतौनी खाता विवरण में से जिस खाता नंबर में मृतक का नाम दिखायी दे रहा है उस पर क्लिक करें। वह खाता नीचे क्रमबद्ध होकर दिखायी देने लगेगी।
- इसी प्रकार यदि अन्य गाटे में भी मृतक का नाम है तो गाटा संख्या भरकर आगे की प्रक्रिया को पूर्ण करें। फिर सुरक्षित करें के बटन पर क्लिक करके आगे बढ़ें के बटन पर क्लिक कर दें।
- यहां एक नये पेज भाग–4 में पहुंचेंगे। जहां वरिसों का विवरण दर्ज करना होता है। इस पेज पर जितने उत्तराधिकारी है उनकी संख्या भरे‚ उनका नाम‚ पिता⁄पति का नाम‚ वारिस की उम्र‚ खातेदार से सम्बन्ध‚ वारिस का पता भरें।
- यदि एक से अधिक वारिस हैं तो पुनः अगले वारिस का नाम आदि भरकर सुरक्षित करें के बटन पर क्लिक करें। इतना करने पर ʺप्रार्थना पत्र सुरक्षित करने से पहले एक बार पुनः देख लेʺ का संदेश प्राप्त होगा।
- यदि आपको किसी प्रकार का संदेह है तो उपर दिख रहे भाग–1‚ 2‚ 3‚ 4 आदि पर क्रमशः क्लिक करके एक बार चेक करें यदि कुछ गलत दर्ज हो गया है तो उसे सही–सही भरें अन्यथा फिर भाग–4 में जाकर सुरक्षित करे के बटन पर क्लिक करें दें।
यहां पर आकर Varasat Online की प्रक्रिया पूर्ण हो जायेगी तथा आपके स्क्रीन पर वरासत आनलाईन पूर्ण हो जाने का कम्प्यूरीकृत आवेदन संख्या दिखायी देने लगेगा तथा मोबाईल पर भी SMS के माध्यम से कम्प्यूरीकृत आवेदन संख्या भेज कर सूचित कर दिया जायेगा। स्क्रीन पर दिखायी दे रहे कम्प्यूरीकृत आवेदन संख्या को कापी करके अथवा लिखकर सुरक्षित कर लें।
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इसके बाद आपको मुख्य पृष्ठ के बटन पर क्लिक करना है। इस पर पेज पर आवेदन किये गये आवेदनों की संख्या दिखायी देगी। आवेदन संख्या पर क्लिक करके उसका प्रिंट आउट ले लें तथा अन्य आवश्यक प्रपत्र संलग्न करके अपने हल्के के लेखपाल के पास जमा कर दें।
नोट– याद रखे वरासत और वसीयत में अंतर होता है। वरासत की सामान्य प्रकृति खातेदार की मृत्यु पर शुरू होती है‚ जबकि वसीयत में खतेदार स्वयं अपनी भूमि या अन्य प्रकार के धन जायदाद को अपने जीवनकाल में ही किसी के नाम से वसीयत करता है। वसीयत के संदर्भ में बात करें तो वसीयत कितनी भी बार की जा सकती है लेकिन खातेदार द्वारा की गयी अंतिम वसीयत सर्वोपरि मानी जाती है।
Varasat online status check | Varasat Status Online
Varasat online status check करने का तरीका बहुत ही आसान है। आनलाईन आवेदन भरे जाने के बाद कम्प्यूरीकृत आवेदन संख्या प्राप्त हो जाती है। इसी आवेदन संख्या के माध्यम से Varasat Status Online चेक किया जा सकता है। आनलाईन किये गये वरासत के आवेदन का स्टेटस चेक करने के लिए नीचे दिये गये स्टेप्स का अनुशरण करें।
- इसके लिए सबसे पहले आपको राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली उत्तर प्रदेश (RCCMS) की आधिकारिक बेबसाईट पर विजिट करना चाहिए। या फिर दिये गये डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करना चाहिए।
- अब आपके सामने दिख रहे पेज में वाद खोज विधि का विकल्प दिखायी देगा‚ इसी विकल्प पर क्लिक करना है।
- क्लिक करने के बाद कई विकल्प लिस्ट के रूप में दिखायी देंगे। लिस्ट में दूसरे नंबर पर वरासत हेतु आवेदन की स्थित के विकल्प पर क्लिक करें।
- अब आपके सामने एक नया पेज दिखायी देगा। यहां दिये गये बाक्स में आनलाईन आवेदन संख्या भरकर प्रदर्शित करे के बटन पर क्लिक कर दें।
- इस पेज पर ऑनलाइन आवेदन संख्या‚ आवेदन की तिथि‚ राजस्व ग्राम‚ आवेदक का नाम‚ मृतक खातेदार का नाम तथा खातेदार की मृत्यु की तिथि का विवरण दिखायी देगा।
- अब हाईलाईट हो रहे आनलाईन आवेदन संख्या पर क्लिक करें। अब एक पॉप अप विण्डो खुलकर आयेगा‚ जहां राजस्व संहिता की धारा 33(1) के अन्तर्गत उत्तराधिकार हेतु रिपोर्ट प्रदर्शित होगा।
- जिसमें वरासत से सम्बन्धित पूरा विवरण दिखायी देगा‚ इस पेज पर प्रिंट हेतु दिये गये लिंक पर क्लिक करके रिपोर्ट को प्रिंट भी कर सकते है।
- इसी पेज पर सबसे नीचे की तरफ आदेश देखे का लिंक दिखेगा। इस लिंक पर क्लिक करते ही राजस्व संहिता की धारा 33(2) के अन्तर्गत उत्तराधिकार हेतु राजस्व निरीक्षक आदेश का पूरा विवरण दिखायी देने लगेगा।
- आप चाहे तो इस पेज पर दिखायी दे रहे प्रिंट के लिंक पर क्लिक करके आदेश की कापी को प्रिंट कर सकते हैं।
- इस प्रकार कुल 06 स्टेप में वरासत हेतु किये गये आवेदन का स्टेटस देखा जा सकता है।
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2024 में Varasat Lekhpal Login कैसे करें
मित्रों आपको पता ही होगा कि Varsat Online किये जाने के बाद आवेदन श्रीमान तहसीलदार महोदय के आई.डी. में पहुंचता है। इसके बाद वहां से लेखपाल के खाते में जांच आख्या प्राप्त करने हेतु भेजा जाता है। वरासत की यह कार्यवाही उ०प्र० राजस्व संहित 2006 की धारा 33 (1) के तहत पूरी की जाती है। यहां इस कालम में Varasat Lekhpal Login की प्रक्रिया स्टेप बाई स्टेप समझतें हैं।
हालंकि उपर के कालम में लेखपाल हेतु लॉगिन करने का बटन⁄लिंक दिया गया है। आप चाहे तो वहां जाकर भी Varasat Lekhpal Login कर सकते हैं।
चलिए अब Varasat Lekhpal Login करने की प्रक्रिया को आगे ले चलते हैं।
- सबसे पहले हमें vaad.up.nic.in को गूगल में सर्च करना है। आप चाहे तो यहां दिये गये सीधे लिंक पर क्लिक करके लॉगिन के पेज पर पहुंच सकते हैं।
- इसके बाद RCCM / vaad.up.nic.in का होम पेज दिखायी देगा। इस पेज पर कई विकल्पों के साथ में ʺलॉगिन (लेखपाल⁄रा०नि०)ʺ का विकल्प दिखायी देगा। इसी विकल्प पर क्लिक करें।
- क्लिक करने के बाद ड्रापडाउन में दो लिंक प्राप्त होंगे।
- आपको लेखपाल/राजस्व निरीक्षक लॉगिन के लिंक पर क्लिक करना है।
- यहां पर आपके सामने एक नया पेज दिखायी देगा। जहां फिर से दो विकल्प प्राप्त होंगे।
- 1- ʺराजस्व संहिता की धारा 33(1) के अन्तर्गत उत्तराधिकार की जाँच आख्या हेतु लेखपाल लॉगिनʺ,
- 2- ʺराजस्व संहिता की धारा 33(1) के अन्तर्गत उत्तराधिकार की प्रविष्टि की जाँच एवं आदेश राजस्व निरीक्षक लॉगिनʺ।
- आप पहले वाले विकल्प के नीचे दिये गये Click Here के बटन पर क्लिक करें।
- अब आप लेखपाल लॉगिन पैनल पेज पर पहुंच जायेंगे।
- जहां सबसे पहले मण्डल चुनें,
- फिर जिला चुने,
- फिर तहसील चुने,
- फिर यूजर प्रारूप में लेखपाल हल्का का चयन करें,
- फिर पासवर्ड (लेखपाल लॉगिन का) दर्ज करके
- कैप्चा कोड भरें और लॉगिन के बटन पर क्लिक करें।
- अब आप हल्कवार लेखपाल लॉगिन पेज पर पहुंच जायेंगे। जहां पर ग्राम के नाम, प्राप्त आवेदन पत्र, विवादित घोषित किये गये आवेदनों की संख्या, अविवादित घोषित किये गये आवेदनों की संख्या, निर्धारित समय सीमा के अन्दतर्गत निस्तारित आवेदन की संख्या, निर्धारित समय सीमा के उपरान्त निस्तारित आवेदन की संख्या तथा अग्रसारित किये गये कुल आवेदनों की संख्या का विवरण दिखायी देगा।
- अब जिस ग्राम के वरासत आवेदन की जांच की जानी है, उस पर क्लिक करके वारिसों का विवरण, वरासत हेतु कये गये आवेदन में कोई विवाद है या नहीं सहित सभी दस्तावेजों आदि की जांच स्थानीय स्तर करके उसकी जांच आख्या लेखपाल महोदय द्वारा राजस्व निरीक्षक को प्रेषित⁄अग्रसारित कर दी जाती है।
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UP Varasat FAQ’s
Q: वरासत करते समय लगने वाले प्रमुख दस्तावेज क्या–कया हैं?
वरासत आनलाईन आवेदन करते समय लगने वाले मुख्य दस्तावेजों में आवेदक का आधार कार्ड, मोबाईल नंबर, परिवार नकल, खतौनी की नकल, उत्तराधिकारियों का आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र एवं खातेदार का मुत्यु प्रमाण पत्र आदि होते हैं।
Q: खसरा एवं खतौनी में अंतर बताइये?
खसरा में भूमि से संबन्धित अनेक महत्वपूर्ण विवरण दर्ज होते हैं। जैसे– भूमि का मालिकाना हक, भूमि का रकबा, भूमि में खेतीबारी के प्रकार की जानकारी दर्ज होती है। जबकि खतौनी में जमीन के मालिकाना हक एवं भूमि का विवरण दर्ज रहता है। खसरा नंबर हमेशा एकांकी यानी अकेला होता है। जबकि खतौनी में एक या एक से अधिक खसरा नंबर हो सकते हैं। खसरा नंबर सामान्यतः कम ही बदलते या टूटते हैं, वहीं खतौनी नंबर एक समयान्तराल पर बदलते रहते हैं।
Q: गाटा संख्या व खसरा संख्या क्या हैॽ
गाटा संख्या एवं खसरा संख्या एक ही होता है। गाटा संख्या एवं खसरा संख्या सामान्य परिस्थिति में नहीं बदलते हैं। चकबंदी⁄फटबंदी के समय ही गाटा⁄खसरा संख्या पर असर हो सकता है, लेकिन उनका क्रम नहीं बदलेगा। जैसे यदि किसी भूमि का गाटा संख्या 10 है तो चकबंदी आदि के प्रभाव में आकर उसके हिस्सदारों में 10क, 10ख, 10मि० आदि के रूप में बदल सकता है।
Q: वरासत कैसे होता है?
उ०प्र० में वरासत आनलाईन आवेदन के माध्यम से किया जाता है। इसके लिए राजस्व विभाग उत्तर प्रदेश की आधिकारिक बेबसाईट https://vaad.up.nic.in/ पर विजिट करके आवेदन कर सकते हैं। Varasat Online करने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत होती है, इस विषय में Varasat Online कैसे करेंॽ शीर्षक से उपर विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी है।
Q: खतौनी में नाम कैसे जोडे़ॽ
खतौनी में नाम जोड़ने के लिए राजस्व परिषद उ०प्र० के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर आनलाईन आवेदन करना होगा। यदि आपको इस विषय में जानकारी नहीं है तो हमारे द्वारा लिखे गये इस पोस्ट को ध्यानपर्वूक पढ़ें। वरासत सम्बन्धी सभी जानकारी स्पष्ट रूप से प्राप्त हो जायेगी। फिर आप स्वतः UP Varasat हेतु आनलाईन आवेदन कर लेंगे।
Q: राजस्व परिषद उ०प्र० की आधिकारिक बेबसाईट कौन सी हैॽ
राजस्व परिषद उ०प्र० की बेबसाईट https://vaad.up.nic.in/ है।
Q: राजस्व परिषद उ०प्र० सम्पर्क साधन क्या हैॽ
राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश की हेल्प लाईन संख्या 91-522-2217145 एवं 91-7080100488 है। जिस पर राजस्व से संबन्धित विषयों पर सहायता प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा आप चाहे तो अपनी शिकायत या सूचना को rccms-up@gov.in पर ईमेल भी कर सकते है। वही पत्राचार करने हेतु राजस्व परिषद, कैसरबाग लखनऊ – 226001 पते का प्रयोग किया जा सकता है।
Q: अपने भूमि का खसरा नंबर कैसे पता करें?
इसके लिए भूलेख विभाग की आधिकारिक बेबसाईट पर जाकर अपने नाम से खतौनी को सर्च करें। खतौनी मिलने के बाद उसमें दर्ज खसरा नंबर प्राप्त कर लें। खतौनी कैसे देखेंॽ इसके लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करें।
Q: दाखिल खारिज कितने दिनों में होता हैॽ
नियमानुसार बैनामा की गयी भूमि पर कोई आपत्ति न लगी हो तो, दाखिल खारिज होने में अधिकतम 35 दिनों का समय लगता है।
Q: दाखिल खारिज को कैसे रोकेंॽ
बैनामा की गयी भूमि पर प्रक्रियाधीन दाखिल खारिज रोकने के लिए आपत्तिकर्ता को 01 माह के अन्दर ही प्रार्थना पत्र देकर आपत्ति लगवानी होगा। जिसके बाद दाखिल खारिज की प्रक्रिया मामले का निस्तारण होने तक रूक जायेगी।
Q: दाखिल खारिज कराना आवश्यक है क्याॽ
हाँ। क्रय की गयी भूमि का दाखिल खारिज करवाना आवश्यक है। दाखिल खारिज के बगैर भूमि की खतौनी पर क्रेता का नाम दर्ज नही होगा। इसका तात्पर्य यह है कि दाखिल खारिज नहीं होने की स्थिति में भूमि पंजीकरण की प्रक्रिया अपूर्ण है। दाखिल खारिज होने के बाद ही भूमि स्थानान्तरण की प्रक्रिया पूरी होती है।
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Conclusion:
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