पीएम कुसुम योजना | Prime Minister Kusum Yojana [PMKY]

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PM KUSUM YOJANA केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय को बढ़ाना है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अन्तर्गत किसानों 90% सब्सिडी देकर सोलर पंप लगवाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।

भारतीय कृषक प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अन्तर्गत आनलाईन आवेदन करके सोलर पंप लगवा सकते हैं एवं 90% सब्सिडी भी प्राप्त कर सकते हैं। सोलर पंप को कृषि योग्य भूमि के अलावा बंजर भूमि पर लगवा कर सिंचाईं कार्य करने के साथ–साथ बची हुई अतिरिक्त बिजली को बेची भी जा सकती है। 

इस योजना की शुरूआत केन्द्र सरकार द्वारा की गयी है। योजना के अन्तर्गत किसानों को सिंचाई हेतु सोलर पैनल उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अन्तर्गत सोलर पंप पर लगने वाले खर्च का 90% हिस्सा केन्द्र सरकार देगी बाकी का 10 प्रतिशत हिस्सा स्वयं किसान को देना होगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सोलर पंप से उत्पन्न होने वाली बिजली का प्रयोग किसान भाई अपने खेंत की सिंचाई करनें एवं अन्य खेती–बारी के काम में प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा बची हुई बिजली को DISCOM (Power Distribution Company of the state) यानी कि राज्य की विद्‍युत वितरण कंपनी को बेचा जा सकता है।

जो किसानों की आय को बढ़ाने में काफी मदद करेगा। एक अनुमान के अनुसार इस योजना से किसानों को प्रति एकड़ 25 हजार से लेकर 65 हजार रूपये प्रतिवर्ष तक का सीधा लाभ होगा। लगने वाले सोलर पंप की लाईफ 25 वर्ष तक होगी‚ जिससे किसानों को सीधे–सीधे 25 वर्ष तक लगातार लाभ कमाने का अवसर प्राप्त होगा। इस योजना लाभ लेने हेतु बैंक से असानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है। 

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के फायदेंॽ

  • रात की अपेक्षा दिन में हो सकेगी सिंचाईः सामान्यतः गांवों में बिजली रात्रि के समय ही मिलती है। जिससे अधिकतर किसान मजबूरीवश रात के समय ही पंप को चला पाते हैं। चूंकि रात के समय पंप चलाने में काफी अवुविधाओं का सामना करना होता है। इसलिए रात के समय पंप चलाकर छोड़ दिया जाता है‚ फलस्वरूप बिजली की अनावश्यक रूप से बर्बादी होती है। लेकिन पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पैनल मिलने के बाद पंप से दिन में ही आसानी के साथ सिंचाई पूरी हो सकेगी और बिजली की अत्यधिक बचत भी हो सकेगी।  
  • डीजल की खपत में होगी भारी कमीः किसानों को खेती–बारी करने में डीजल पंप की सहायता लेनी पड़ती है। जिससे अत्यधिक धन खर्च होता है और प्रदूषण भी बढ़ता है। एक बार सोलर पंप लग लाने के बाद अगले 25 सालों तक डीजल पंप से मुक्ति मिल जायेगी और डीजल पर खर्च हाेने वाला पैसा किसानों के पास ही रह जायेगा। सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली अधिक भरोसेमंद होती है और बराबर मिलती रहेगी। इस कारण पंच को चालने में कही भी असुविधा होने की संभावना न के बराबर होगी। 
  • किसानों की आय में होगी वृद्धिः किसानों की आय दोगुना करना सरकार की प्राथमिकता में है। इसी उद्देश्य की पूर्ति करने हेतु किसानों हेतु चलाये जा रहे अन्य योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री कुसुम योजना है। इस येाजना का लाभ लेकर किसान भाई पंप से सिंचाई करने में लगने वाले डीजल की खपत को खत्म कर सकेंगे। जिससे किसानों का पैसा बचेगा। इसके अतिरिक्त सोलर पैनल से उत्पन्न होने वाली अतिरिक्त बिजली को DISCOM (Power Distribution Company of the state) यानी कि राज्य की विद्‍युत वितरण कंपनी को बेच भी सकेंगे। जिससे किसानों को हर वर्ष  प्रति एकड़ 25 हजार से लेकर 65 हजार तक की आमदनी हो सकेगी। 
  • प्रदूषण में कमीः भारत में खेती की सिंचाई करने हेतु लगभग 03 करोड़ पंप स्थापित है। इन पंपों में से लगभग 80 लाख पंप डीजल से चलते हैं। डीजल से चलने वाले पंप प्रतिवर्ष करीब 5.4 million tonnes कार्बन डाई आक्साईड वातावरण में छोड़ते हैं। इसके साथ–साथ 5.52 बिलियन लीटर डीजल की खपत इन पंपों को संचालित करने में होता है। यदि किसान भाई सोलर पैनल से सिंचाई पंप को चलायेंगे तो वातावरण से प्रदूषण भी कम होगा।
  • बिजली सब्सिडी पर कमीः वर्तमान में अलग–अलग राज्यों की सरकारों द्वारा किसानों को सिंचाई हेतु बिजली पर भारी–भरकम छूट दी जाती है। राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी की राशि बिजली विभाग को समय से न उपलब्ध कराने की दशा में बिजली विभाग को गंभीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ सकता है। वहीं यदि सोलर पैनल से संचालित सिंचाई पंपों का इस्तेमाल करने पर राज्य सरकारों द्वारा किसानों को सिंचाई हेतु बिजल पर दी जा रही छूट से छुटकारा मिल सकेगा।

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पीएम कुसुम योजना में आवेदन हेतु लगने वाले दस्तावेजों की सूची

इस येाजना में आनलाईन आवेदन करने हेतु नीचे दिये गये सूची के अनुसार दस्तावोज लग सकते है। इसलिए आवेदन करने से पूर्व निम्नलिखित दस्तावेज इकट्ठा कर लेवें।

कुसुम योजना
  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • रद्द किया गया चेक
  • मोबाईल नंबर
  • मेल आईडी
  • पासपोर्ट साईज फोटोग्राफ
  • खतौनी
  • आय⁄निवास प्रमाण पत्र

किसी भी राज्य के निवासी पीएम कुसुम योजना में आवेदन कैसे करेंॽ

  • सबसे पहले भारत सरकार की बेबसाईट https://solarrooftop.gov.in/ जायें।
  • अब अपके सामने भारत सरकार के नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय की बेबसाइट का होम पेज दिखायी देगा। यहां पर दिखायी देर रहे Register Here के बटन पर क्लिक करें।
  • अब आपके सामने एक पापअप विंडो जायेगा।
    • जहां पर सबसे पहले राज्य सेलेक्ट करें। 
    • उसके बाद Distribution Company सेलेक्ट करें। 
    • इसके बाद अपना Electricity consumer Number दर्ज करें। 
    • इसके  बाद NEXT के बटन पर क्लिक करें।
  • इसके बाद मो0नं0 एवं E.Mail ID दर्ज करें।
    • फिर Submit के बटन पर क्लिक कर दें। 
  • इसके बाद होम पेज पर दिखायी दे रहे Login के विकल्प पर क्लिक करके Electricity consumer Number और मोबाईल नंबर के साथ लॉगिन करें लें। 
  • इसके बाद रूफटॉप सोलर के लिए फॉर्म के अनुसार आवेदन करें।
  • इसके बाद DISCOM द्वारा आपके आवेदन की जांच की जायेगी। DISCOM द्वारा अनुमोदन प्राप्त होने के बाद किसी पंजीकृत सेलर पैनल विक्रेता से सम्पर्क कर संयत्र लगाने को कहें। 
  • सोलर पैनल स्थापित हो जाने के बाद सोलर पैनल से संबन्धित दस्तावेज की प्रतिलिपि जमा करके मीटर लगाने हेतु आवेदन करें।
  • इसके बाद DISCOM द्वारा निरीक्षण के पश्चात नेट मीटर लगा दिया जायेगा और प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। 
  • कमीशनिंग प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाने के बाद पोर्टल के माध्मय से अपने बैंक खाते का विवरण तथा रद्द किया हुआ चेक जमा करना होगा। 
  • 30 दिनों के अन्दर सब्सिडी आपके बैंक खाते में प्राप्त हो जायेगी।

नोट– इस प्रक्रिया के अन्तर्गत पूरे भारत वर्ष के किसान आसानी से सोलर पैनल हेतु आनलाईन आवेदन कर सकते हैं।